139 जहाज, 35 एयरक्रॉफ्ट, ड्रोन, हेलीकॉप्टर्स शामिल
600 करोड़ से बनाए गए 36 रडार स्टेशन, 38 और बनेंगे
समुद्री तटों पर देश की रक्षा की तैयारियों की समीक्षा के लिए नौ सेना का दो दिवसीय रक्षा अभ्यास मंगलवार से शुरू हुआ। इस तरह के पहले और सबसे बड़े अभ्यास को सी विजिल 2019 नाम दिया गया है। 26/11 मुंबई हमले के बाद भारतीय नौ सेना कितनी मजबूत हुई है, इसकी भी समीक्षा की जाएगी। अभियान की निगरानी संयुक्त अभियान केंद्र, कोच्चि कर रहा है। यह देखा जाएगा कि तटों की रक्षा के लिए उठाए गए कदम आखिर कितने कारगर साबित हुए हैं। सी विजिल के साथ ऑपरेशनल, टेक्निकल और प्रशासनिक ऑडिट भी किया जाएगा, जो नौ सेना की ताकत और कमजोरी के बारे में सही जानकारी देगा। ये तमाम समीक्षाएं राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक मजबूत करने में मददगार साबित होगी।
नौसेना के डिप्टी चीफ वाइस एडमिरल अशोक कुमार ने कहा कि कई एजेंसियों की टीमें सभी तटीय क्षेत्रों के संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा समीक्षा के लिए तैनात की गई हैं। इनके अंतर्गत बड़े और छोटे मध्यवर्ती बंदरगाह, लाइटहाउस, तटीय पुलिस स्टेशन, नियंत्रण कक्ष, ऑपरेशन सेंटर आदि शामिल हैं।
देश के इस हाई वोल्टेज एक्सरसाइज की भव्यता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि नेवी और कॉस्ट गार्ड ने अकेले 139 पानी के जहाजों की तैनाती की है। इसके अलावा 35 एयरक्राफ्ट, डॉर्नियर्स, हेलिकॉप्टर्स, ड्रोन, पेट्रोल बोट्स, कोस्टल पुलिस फोर्स और सीआईएसएफ शामिल हैं।
डिप्टी चीफ ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से क होल्डर्स, इसमें हिस्सा लेने वाली यूनिट और आब्जेक्टिव के मामले में यह बहुत बड़ा अभ्यास अभियान है। सभी केंद्रीय मंत्रालय और एजेंसियों के साथ समुद्र तट से सटे 9 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों इसमें हिस्सा ले रही हैं। मंगलवार को मछुआरों और तटीय इलाकों में रहने वाले समुदाय भी इसका हिस्सा बने।
26/11 हमले के बाद जांच में सामने आया था कि खुफिया एजेंसी और सुरक्षा एजेंसी के बीच बेहतर कनेक्टिविटी नहीं होने की वजह से उस हमले के बारे में अधिक जानकारी नहीं जुटाई जा सकी थी। उस समय भी इस तरह की जानकारी मिली थी कि आतंकी समुद्र के रास्ते भारत में घुस सकते हैं।
अधिकारी ने बताया कि हमले के बाद तटीय इलाकों को सुरक्षित बनाने के लिए कई उपाय हुए। सुरक्षा एजेंसी और खुफिया एजेंसी के बीच तालमेल को और बेहतर बनाया गया। पहले तो करीब 600 करोड़ रुपये की लागत से कॉस्टल सर्विलांस नेटवर्क के 36 रडार स्टेशन बनाए गए। अगले फेज में 800 करोड़ रुपये की लागत से 38 स्टेशन और स्थापित किए जाएंगे।
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