नियमानुसार गुणवत्तापरक निरीक्षण किये जायें, ताकि जन-सामान्य
को नुकसान न पहुँचे-अपर मुख्य सचिव
लखनऊ-अपर मुख्य सचिव, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन अनिता भटनागर जैन ने कहा कि विभाग के जितने भी लम्बित मामले है उन्हे समयबद्ध तरीके से निपटाये।
डा0 अनिता भटनागर जैन ने कहा कि औषधि निरीक्षक के स्तर से जिन प्रकरणों में कमियाँ पाये जाने के अन्तर्गत अग्रिम कार्यवाही की जानी है, उनकी समयबद्धता हेतु तथा मण्डलीय अधिकारियों को भी सतर्क रहकर कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि विभाग मे जिन 597 प्रकरणों में कार्यवाही लम्बित है, उनमें समयबद्धता बरती जाये। उन्होंने कहा कि दिसम्बर तक 2 करोड़ 20 लाख की औषधि व काॅस्मेटिक सीज की गयी है, जिन 12 जनपदों द्वारा सीजर की कार्यवाही नहीं की गयी है, उन्हें सचेत किया गया। यह निर्देशित किया गया कि अन-लाईसेंस, बिना लाईसेंस, एक्सपायर्ड या जो दवायें दुकानों पर विक्रय नहीं हो सकती है, उक्त सभी श्रेणी के सम्बन्ध में अधिनियम के तहत नियमानुसार गुणवत्तापरक निरीक्षण किये जायें, जिससे कि जन-सामान्य को इस प्रकार की औषधियों से नुकसान न पहुँचे। जन-सामान्य को दवाओं व काॅस्मेटिक के सम्बन्ध में जागरूक करने हेतु भी प्रभावी कार्यक्रम की रणनीति बनायी जाये।
डा0 भटनागर आज यहाँ प्रदेश के सभी जनपदों व मण्डलीय औषधीय नियंत्रण अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा कर रहीं थी।
सभी अधिकारियों से कहा गया कि विभाग का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आपका दायित्व है कि जन-सामान्य को खाद्य, औषधि व काॅस्मेटिक सुरक्षित मिल रही हो और उनका स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव न पड़े। दिसम्बर, 2018 तक की प्रगति के आधार पर 46ः निर्माण ईकाइयों 71ः रक्तकोषों के निरीक्षण हुये। विक्रय प्रतिष्ठान 4.33ः निरीक्षित हुये जिसमें से 46ः निलम्बित किये गये 9ः के लाईसेंस निरस्त हुये और 13ः को चेतावनी निर्गत हुयी। दिसम्बर माह तक कम से 75ः लक्ष्य की पूति होनी चाहिये थी। अतः जिन जनपदों द्वारा निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष्य केवल 50ः की पूर्ति की गयी उन 36 जनपदों के अधिकारियों को चेतावनी निर्गत करने के आदेश दिये गये।
संकलित सूचना के आधार पर विभिन्न जनपदों में लम्बित परिवादों की कुल संख्या-1375 है, जिसमें 22 प्रकरण गत दशक के हैं तथा जिसमें सबसे पुराना 1975 का है। प्रश्नगत सूची को 01 सप्ताह में अद्यावधिक करने व इनके प्रभावी अनुश्रवण व समीक्षा की रणनीति भी तैयार करने के निर्देश दिये गये।
नवम्बर माह में आयुक्त के स्तर से अवैध रक्त के व्यापार पर व्यापक रोकथाम के जारी निर्देशों के क्रम में सजगता व सर्तकता से कार्यवाही प्रारम्भ करने व निर्धारित प्रारूप पर सूचना अब प्रत्येक माह उपलब्ध कराने के निर्देश अपर मुख्य सचिव के द्वारा दिये गये। उक्त आँकड़ों के मिलान से रक्त बैग के गलत उपयोग व सम्बन्धित मरीज को उपयुक्त गुणवतत्ता के रक्त मिलने के सम्बन्ध में भी प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित हो पायेगी।
उक्त बैठक में श्रीमती मिनीस्ती एस0 आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, राहुल सिंह अपर आयुक्त, ए0के0 जैन, औषधि नियंत्रक सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
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