lucknow-अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत तय समय से पहले ही पीड़ितों की मदद के लिए व्यवस्था बनाने वाला लखनऊ पहला जिला बन गया है। अनुसूचित जाति के पीड़ितों को डीएम ने पांच हजार रुपए पेंशन स्वीकृत की है। इस पर राज्य के अनुसचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग ने डीएम कौशल राज शर्मा की पीठ थपथपाई है। आयोग ने लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी की भी सराहना की है। .गुरुवार को इस सम्बंध में डीएम को आयोग के अध्यक्ष बृजलाल की ओर से प्रशंसा पत्र भी जारी किया गया। आयोग के अध्यक्ष बृजलाल ने कहा कि डीएम ने निर्धारित समय से पहले ही व्यक्तिगत तौर पर रुचि लेकर पीड़ितों की पेंशन स्वीकृत की है। आयोग ने लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी की भी सराहना की है। एसएसपी ने निर्धारित समय से पहले पेंशन के योग्य मामलों की समीक्षा कर प्रस्ताव भेजा है।
प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण नियमावली 1995 व नियम 2014 में संशोधन किया है। नए संशोधन नियम 2016 में हत्या, मृत्यु, सामूहिक हत्या, बलात्संग, सामूहिक बलात्संग, स्थायी अक्षमता और डकैती के पीड़ितों को पेंशन व भत्ते देने का आदेश दिया है। अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों से सम्बन्ध रखने वाले मृतक व्यक्ति, विधवा या अन्य आश्रितों के प्रतिमाह पांच हजार पेंशन, महंगाई भत्ता, मृतक के कुटुम्ब के सदस्यों को रोजगार और कृषि भूमि का निर्देश दिया है। .
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