लोकसभा चुनाव की सरगर्मी अपने चरम पर है। हर पार्टी अपना दांव चल रही है। बसपा सुप्रीमो मायावती को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई के दौरान कहा कि BSP सुप्रीमो मायावती ने अपनी और हाथियों की मूर्तियां बनाने में जितना जनता का पैसा खर्च किया है, उसे वापस करना चाहिए। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई कर रहे थे। अब इस की अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 2009 में रविकांत और अन्य लोगों ने याचिका दायर की थी तब से इस पर सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मायावती के वकील को कहा कि अपने क्लाइंट को कहिये कि वह मूर्तियों पर खर्च हुए पैसों को सरकारी खजाने में जमा कराएं।
मायावती के द्वारा उत्तर प्रदेश में बसपा शासनकाल में कई पार्कों का निर्माण करवाया गया। इन पार्कों में बसपा संस्थापक कांशीराम, मायावती और हाथियों की मूर्तियां लगवाई गई थीं। ये मुद्दा अक्सर चुनावों के समय उठता रहता है और विपक्षी इस मुद्दे को लेकर मायावती पर निशाना साधते हैं। बसपा शासनकाल में ये पार्क लखनऊ, नोएडा समेत अन्य शहरों में बनवाए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले भी 2015 में उत्तर प्रदेश की सरकार से पार्क और मूर्तियों पर खर्च हुए सरकारी पैसे की जानकारी मांगी थी। उत्तर प्रदेश में पूर्व की समाजवादी पार्टी सरकार इस मुद्दे पर बसपा को घेरते रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार के दौरान लखनऊ विकास प्राधिरकरण (LDA) के रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि लखनऊ, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बनाए गए पार्कों पर कुल 5,919 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।
रिपोर्ट के अनुसार, नोएडा स्थित दलित प्रेरणा स्थल पर BSP के चुनाव चिन्ह हाथी की पत्थर की 30 मूर्तियां जबकि कांसे की 22 प्रतिमाएं लगवाई गईं थी। इसमें 685 करोड़ का खर्च आया था। इसी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन पार्कों और मूर्तियों के रखरखाव के लिए 5,634 कर्मचारी बहाल किए गए थे।