लखनऊ: उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में जहरीली शराब पीने से हुए दो बड़े हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 97 हो गई है. इस मामले में 200 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई है. उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले ने रविवार को राजनीतिक रंग ले लिया है. इस मामले को लेकर अब आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
एक ओर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्व में हुई इस तरह की घटनाओं में समाजवादी पार्टी का हाथ रहा है. दूसरी तरफ बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रकरण की सीबीआई जांच कराने की मांग की.योगी ने गोरखपुर से चेताया कि अवैध शराब के कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी भले ही वे किसी राजनीतिक पार्टी से क्यों ना जुड़े हों.
योगी ने कल रात कहा कि पूर्व में सपा नेताओं के इस तरह की घटनाओं में शामिल होने की बात सामने आई है. आजमगढ़, हरदोई, कानपुर, और बाराबंकी में पूर्व में हुई जहरीली शराब की घटनाओं में सपा नेता शामिल पाए गए थे.उधर सपा की नई साझेदार बसपा ने जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की भाजपा सरकारों को दोषी ठहराया है.पार्टी सुप्रीमो मायावती ने एक बयान में कहा कि दोनों ही राज्यों की सरकारों का ज़हरीली शराब की बिक्री पर प्रतिबंध को लेकर ढुलमुल रवैया रहा है. उन्होंने प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की.
उन्होंने कहा कि जब तक सीबीआई जांच पूरी ना हो दोनों ही राज्यों के आबकारी मंत्रियों को हटाने के लिए कहा जाए ताकि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो सके.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना के लिए भाजपा को दोषी ठहराते हुए कहा कि बिना सरकार के समर्थन के अवैध शराब का कारोबार नहीं हो सकता. भाजपा को यह बात मान लेनी चाहिए कि वह राज्य का शासन नहीं संभाल सकती.
बता दें कि उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में जहरीली शराब पीने से हुए दो बड़े हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 97 हो गई है. इस मामले में 200 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई है.
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