DEHRADUN-कश्मीर में शनिवार को IED विस्फोट में शहीद हुए मेजर चित्रेश बिष्ट की सात मार्च को शादी होनी थी। शादी के लिए होटल बुक किया जा चुका था। रिटायर इंस्पेक्टर पिता सुरेंद्र सिंह बिष्ट कार्ड बांटने में व्यस्त थे। लेकिन शनिवार शाम बेटे की शहादत की खबर आते ही पूरा परिवार सन्न रह गया। पूरे घर पर कोहराम मच गया। आसपास के दुख की घड़ी में बिष्ट परिवार को ढांढस बंधाने घर पर पहुंचे। परिवार अब सेहरा बांधने आ रहे बेटे के बजाय अब ताबूत में तिरंगे में लिपट कर आने का इंतजार कर रहा है।
शहीद चित्रेश के पिता एसएस बिष्ट शनिवार को गांव में शादी के कार्ड भेजने के लिए आईएसबीटी गए थे। कुछ दिन पहले उनसे चित्रेश ने बात की थी, वह 28 को घर आने वाले थे। शादी को लेकर लंबी बातचीत हुई कि अब क्या-क्या काम बाकी रह गया। मेजर चित्रेश पिछले महीने ही घर आए थे। उन्होंने ज्यादातर खरीदारी भी कर ली थी। शेरवानी से लेकर शूट तक तैयार कर लिया गया था। जब वे दो फरवरी को वापस ड्यूटी लौटे, तो मम्मी, पापा को से कहकर गए थे कि बस कार्ड बांट लेना। बाकी बाजार के काम मेरे आने के बाद कर लेंगे।
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