प्रधानमंत्री ने गोरखपुर की लगभग 10 हजार करोड़ रु0 की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया
गोरखपुर एम्स की ओ0पी0डी0, बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लाॅक, 01 लाख लीटर दैनिक क्षमता की डेयरी, गोरखपुर कैण्ट-कप्तानगंज-वाल्मीकिनगर रेल खण्ड के विद्युतीकरण सहित 10 परियोजनाओं का लोकार्पण
काण्डला से गोरखपुर एल0पी0जी0 परियोजना सहित तीन परियोजनाओं का शिलान्यास
‘पी0एम0-किसान’ से प्रदेश के 02 करोड़ 14 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को ‘सियोल शांति पुरस्कार’ के लिए बधाई दी
वर्ष 2020 में गोरखपुर कारखाना खाद के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने में अपना योगदान देने लगेगा
गोरखपुर एम्स में इस वर्ष पढ़ाई के लिये प्रवेश शुरू हो जायेगा
प्रधानमंत्री ने बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज में 08 सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं दी
धराशाई हो जाएगा जाति का महागठबंधन-modi
Gorkhpur-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पूर्वांचल के गोरखपुर जिले से किसान सम्मान योजना की शुरुआत कर दी। इसके तहत पांच एकड़ से कम भूमि वाले किसानों को प्रति वर्ष छह हजार रुपये दिए जाएंगे। माना जा रहा है कि यह योजना केंद्र सरकार की सत्ता में वापसी के द्वार खोल सकती है। इसका कारण यह है कि अब तक जिन चुनावी राज्यों में किसानों के लिए कर्जमाफी जैसी योजनाओं की घोषणा की गई, हर जगह यह योजना कारगर रही। सरकार के मुताबिक इस योजना से देश के 12 करोड़ सीमांत किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। इस योजना की सबसे बड़ी खूबी यह होगी कि इसमें पैसा सीधे किसानों के बैंक खाते में जाएगा। इससे किसी तरह के घपले की आशंका नहीं होगी। इससे किसानों के मन में सरकार के प्रति भरोसा पैदा होगा जो उसकी विश्वसनीयता मजबूत करेगा।
भाजपा के एक नेता ने कहा, "विपक्ष किसानों के नाम पर पूरे साल राजनीति करता रहा। लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से यह हमारा 'ट्रंप कार्ड' है जिसका तोड़ विपक्ष के पास नहीं है। नेता के मुताबिक यूपी के 92 फीसदी से अधिक किसान इस श्रेणी में आएंगे और ऐसे किसान हर जाति-धर्म और हर वर्ग से होंगे। इससे हर जाति-धर्म-वर्ग में हमारी पैठ बढ़ेगी। इससे उत्तर प्रदेश में महागठबंधन धराशायी हो जाएगा क्योंकि एक तरफ उनकी जातिगत राजनीति है जिसमें जीत के बाद वे जातियों की बजाय सिर्फ अपना लाभ देखने लगते हैं, वहीं दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी की राजनीति है जिसमें जाति-धर्म की बजाय सबका ख्याल रखा गया।"
भाजपा को उम्मीद है कि किसान खुद को सीधा लाभ मिलते देखने के बाद जाति नहीं काम के आधार पर वोट करेंगे। भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष विजय पाल सिंह तोमर ने अमर उजाला से कहा कि हमारे किसानों की सबसे बड़ी समस्या बुवाई के समय पैसे की होती थी। लेकिन अब बुवाई के समय केंद्र सरकार द्वारा छह हजार रुपये की आर्थिक मदद से लोगों को कर्ज नहीं लेना पड़ेगा। इससे वह कर्ज के जाल में नहीं फंसेगा। तोमर के मुताबिक पूरे देश में लगभग 86 फीसदी किसान पांच एकड़ से कम भूमि वाले हैं।
उत्तर प्रदेश में ऐसे किसानों की संख्या 92 फीसदी तक है। ऐसे में इन किसानों को बुवाई के लिए कम राशि की ही जरुरत होती है जो इस राशि से पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को भी अपनी तरफ से छह हजार रुपये प्रति वर्ष अतिरिक्त राशि देनी चाहिए जिससे किसानों की पूरी समस्या खत्म हो जाए।
विजय पाल सिंह तोमर ने कहा कि एक किसान नेता होने के नाते उन्होंने केंद्र से हर किसान को प्रति वर्ष 10 हजार रुपये की मदद देने, किसान क्रेडिट कार्ड के कर्ज को पूरे पांच साल तक के लिए बढ़ाने (अभी हर फसल के बाद कर्ज चुकाना अनिवार्य है, अन्यथा भारी ब्याज देना पड़ता है) और ब्याज मुक्त कर्ज देने की मांग की है।
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