new delhi--चुनाव आयोग ने गौतम गम्भीर ‘को बिना इजाजत सार्वजनिक रैली करने को लेकर’ एफआईआर का आदेश दिया है। चुनाव आयोग ने पूर्व दिल्ली के रिटर्निंग ऑफिसर से कहा है कि वह गंभीर के खिलाफ केस दर्ज करे।
राजनीति में आए कुछ ही दिन हुए हैं और वे पहले ही विवादों में आए चुके हैं। चुनाव आयोग का यह आदेश उस वक्त आया है जब एक दिन पहले ही आम आदमी पार्टी की पूर्वी दिल्ली से उम्मीदवार अतिशी ने क्रिकेट स्टार के खिलाफ दिल्ली के दो अलग क्षेत्रों से दो वोटर आईडी- एक करोल बाग और दूसरा राजिन्दर नगर रखने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है।
अतिशी ने यहा दावा किया कि गौतम गंभीर ने रिटर्निंग ऑफिसर को दिए अपने हलफनामा में इस बात को छिपाई है कि उनका वोट करोल बाग में भी रजिस्टर्ड है जो श्रिप्रजेंटेशन ऑफ दी पीपुल एक्टश् की धार 125ए के तहत दंडनीय है और इसमें छह महीने तक जेल की सजा हो सकती है।
गौरतलब है कि पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने 22 मार्च को बीजेपी ज्वाइन करते हुए कहा था- “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता ने उन्हें प्रभावित किया है।” 37 वर्षीय क्रिकेटर ने कहा था- “मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता से प्रभावित हूं... मैनें क्रिकेट में अपना योगदान किया है और उम्मीद करता हूं कि देश के लिए और ज्यादा कर पाऊं।”
मंगलवार को गौतम गंभीर ने पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर नामांकन से ठीक पहले रोड शो किया। बीजेपी ने यहां पर मौजूदा सांसद महेश गिरी की जगह गौतम गंभीर को चुनावी मैदान में उतारा है।
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