उच्चतम न्यायालय गुरुवार को उस याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गई है जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसभा चुनाव लड़ने और सांसद बनने से रोका जाए क्योंकि उन्होंने स्वेच्छा से ब्रिटिश नागरिकता हासिल की है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ दिल्ली के नागरिकों जय भगवान गोयल और चंदर प्रकाश त्यागी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि हम सामाजिक हैं और सामाजिक मूल्यों की रक्षा करने वाले हैं।
इस याचिका में कहा गया है कि अदालत को यह निर्णय लेना चाहिए कि जिस शख्स ने स्वैच्छिक रूप से ब्रिटिश नागरिकता हासिल की है उसे संसद में एक सीट भरने के लिए अमेठी और रायबरेली से चुनाव लड़ने की इजाजत दी जानी चाहिए या नहीं।
याचिका में कहा गया है कि यह बात स्पष्ट है कि गांधी ने ब्रिटिश राष्ट्रीयता हासिल की है। यह मामला तब सामने आया जब ब्रिटेन की बैकऑप्स नाम की कंपनी ने अपना आयकर रिटर्न भरा था। याचिका में कहा गया है कि राहुल घोषणा पत्र दें कि वह भारतीय नागरिक नहीं है और वह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों के अनुसार चुनाव लड़ने में अक्षम हैं।
अदालत में यह याचिका तब दाखिल की गई है जब मंगलवार 30 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी को नोटिस जारी करते हुए 15 दिनं में जवाब देने के लिए तहा है। यह नोटिस उन्हें भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत के आधार पर भेजे गया है। स्वामी का आरोप है कि राहुल के पास ब्रिटिश नागरिकता है। क्या होती है दोहरी नागरिकता
भारतीय संसद ने साल 2003 में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित कर विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान किया है। इसे ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया के नाम दिया गया है। जिसे बोलचाल में दोहरी नागरिकता के नाम से जाना जाता है।
इसके अनुसार, भारतीय मूल का कोई भी व्यक्ति जो संविधान लागू होने के बाद भारत या उसके किसी राज्य क्षेत्र का नागरिक रहा हो और जिसने पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलावा किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण कर ली है, नागरिकता अधिनियम 1955 के अधीन पंजीकरण करा सकता है। यदि उसके देश में दोहरी नागरिकता का प्रावधान है।
पंजीकरण के बाद अगय व्यक्ति पांच साल में से एक साल भारत में रहता है तो उसे भारत की नागरिकता मिल सकती है। वर्तमान में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया सहित 16 देशों में बसे भारतीय मूल के लोगों को दोहरी नागरिकता प्रदान की जा सकती है। क्योंकि, इन देशों के नागरिक दोहरी नागरिकता ले सकते हैं।
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