मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा की
सड़क निर्माण में अपनायी गयी नयी तकनीक से 942 करोड़ रु0 की बचत
सड़क निर्माण कार्य जिस एजेंसी को दिया जाए, उससे रख-रखाव का 5 साल का करार भी किया जाए
लखनऊ:-उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां लोक निर्माण विभाग के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया और विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग सड़क निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखे। सड़क निर्माण कार्य जिस एजेंसी को दिया जाए, उससे इसके रख-रखाव का 05 साल का करार भी किया जाए। मरम्मत कार्य पर होने वाले खर्च को कम करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इस बचत से नई सड़कों का निर्माण कराया जाए। उन्होंने सड़क निर्माण में नयी तकनीक के प्रयोग पर भी बल दिया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्य विभागों द्वारा निर्मित की जा रही सड़कों की गुणवत्ता चेक करने के लिए लोक निर्माण विभाग को नोडल एजेंसी बनाया जाए। उन्होंने प्रदेश के सभी मार्गों पर स्पष्ट सूचना देने वाले साइनेज स्थापित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इन पर उल्लिखित सूचना स्पष्ट होनी चाहिए। सड़कों का गुणवत्तापरक रख-रखाव सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने 02 लेन वाले गुणवत्तापरक मार्गों पर टोलिंग करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने पुराने सेतुओं का सेफ्टी आॅडिट करने और आवश्यकतानुसार उनकी मरम्मत सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़क/पुल निर्माण में सुरक्षा मानकों की अनदेखी बिलकुल न की जाए। उन्होंने सड़क निर्माण के मानक निर्धारित करने के भी निर्देश दिए। सड़कों पर दुर्घटनाओं की संख्या कम करने के उद्देश्य से इनका सेफ्टी आॅडिट कराने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि सड़कों के ब्लैक स्पाॅट चिन्हित कर इसमें आवश्यकतानुसार सुधार किया जाए, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने रोड साइनेज एवं रोड मार्किंग पर भी विशेष बल दिया।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण मार्गों की चैड़ाई बढ़ाकर 07 मीटर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अच्छी यातायात सुविधाएं देने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग में पिछले 02 वर्ष में ई-टेण्डरिंग के तहत अपनायी गयी प्रक्रिया का आॅडिट करवाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में एन0एच0ए0आई0 द्वारा बनायी जा रही सड़कों के कार्य में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि टूटी हुई सड़कों की शीघ्र मरम्मत की जाए, ताकि आवागमन में जनता को कोई दिक्कत न हो। उन्होंने मार्गों पर बनाए जाने वाले स्पीड ब्रेकर का एक मानक तय करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे स्पीड बे्रकर बिलकुल न बनाए जाएं, जो लोगों के लिए समस्या खड़ी कर दें।
प्रस्तुतिकरण के दौरान लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री जी को विभाग की मुख्य योजनाओं/नीतियों के विषय में विस्तार से अवगत कराया गया, जिनमें रोड नेटवर्क, महत्वपूर्ण योजनाएं, बजट, सड़क सुरक्षा, ई-गवर्नेन्स, ई-मेन्टीनेंस, नई तकनीक तथा पाॅलिसी शामिल हैं।
अधिकारियों ने सड़क निर्माण में अपनायी गयी नयी तकनीक के विषय में मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए बताया कि इसके उपयोग से ग्रामीण मार्गों के प्रति कि0मी0 निर्माण की लागत में 18 प्रतिशत की कमी आयी है। जबकि ओ0डी0आर0/एम0डी0आर0/एस0एच0 (प्रति कि0मी0) की लागत में साढ़े 19 प्रतिशत की कमी आयी है। इस प्रकार वर्ष 2018-19 में सड़क निर्माण की लागत में लोक निर्माण विभाग द्वारा 942 करोड़ रुपए की बचत की गई है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव सूचना तथा सी0ई0ओ0 यूपीडा अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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