भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और इंदौर-तीन से विधायक आकाश विजयवर्गीय ने बुधवार को बल्ले से एक निगम कर्मचारी की पिटाई कर दी थी। निगम अधिकारी एक जर्जर मकान को ढहाने के लिए पहुंचे थे। तभी आकाश से उनकी बहस हो गई और मामला इतना बढ़ गया कि उन्होंने बल्ले से कर्मचारी की पिटाई कर दी। अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है। दरअसल, जिस मकान को लेकर विवाद हुआ था उसे ढहाने का आदेश पिछले साल शिवराज सरकार ने दिया था।
आकाश इस समय पुलिस हिरासत में हैं और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। गुरुवार को सीजेएम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका रद्द कर दी थी। जिसके बाद गुरुवार को सेशंस कोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होने की संभावना है। इसी बीच सुबह से ही विधायक के समर्थकों का जिला जेल परिसर के बाहर जमावड़ा शुरू हो गया। किसी भी तरह की अप्रिय परिस्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की है।
पिछले साल इंदौर नगर निगम ने ऐसे मकानों को लेकर नोटिस जारी किया था जो काफी पुराने हैं और तेज बारिश के दौरान कभी भी ढह सकते हैं। इस मकान को लेकर तीन अप्रैल, 2018 को नोटिस जारी किया गया था। यानी जिस समय यह नोटिस जारी किया गया था उस समय राज्य में भाजपा सरकार थी जिसके मुखिया शिवराज सिंह चौहान थे। इंदौर नगर निगम ने इस मकान के मालिक को नोटिस जारी करते हुए चेतावनी दी थी।
इसी नोटिस के आधार पर बुधवार को नगर निगम के कर्मचारी मकान ढहाने के लिए पहुंचे थे। जहां उनकी विधायक आकाश विजयवर्गीय से बहस हो गई। आकाश के क्रिकेट के बल्ले से निगम कर्मचारी पर हमला करने का वीडियो वायरल हो गया है। वहीं निगम ने अपने 21 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। यह सभी कर्मचारी वीडियो में नजर आ रहे हैं। उनपर आरोप है कि उन्होंने उस समय निगम कर्मचारी का समर्थन नहीं किया जिसकी आकाश ने पिटाई की थी।
इसके अलावा कुछ लोगों को आकाश के समर्थकों के साथ भी देखा गया था। पुलिस ने बाद में आकाश को गिरफ्तार कर लिया। उनपर भारतीय दंड संहिता की धारा 353, 294, 323 506, 147, 148 के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामला सामने आने के बाद अपनी सफाई में आकाश ने कहा कि यह तो केवल शुरुआत है, हम इस भ्रष्टाचार और गुंडई को खत्म कर देंगे। इस मामले से पहले भी आकाश अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रह चुके हैं।
आकाश ने बुधवार को जेल में अपनी पहली रात तीन कैदियों के साथ बिताई। उन्होंने जेल का ही खाना खाया। वह सुबह की प्रार्थना में शामिल हुए औऱ चाय पी। रात के आठ बजे उनके समर्थक भोजन और नाश्ता लेकर जेल पहुंचे लेकिन जिला जेल अधीक्षक ने सामान देने से मना कर दिया। पिछली भाजपा सरकार के दौरान ही जेल में कैदियों के लिए खाद्य सामग्री ले जाने पर रोक लगाई थी। जेल दवाखाने में विधायक का औपचारिक परीक्षण भी हुआ।
झांसी में हुआ हादसा खिड़की तोड़कर बाहर निकाले...
इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में पूर्व मंत्री आशुतोष...
वाराणसी में 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र...
Lucknow: दरिंदगी, कट्टरता और अराजकता के खिलाफ शहर में...
यूपी में ठंड की आहट…आज भी इन 26 जिलों में बारिश का...
UP में फिर तबादले; योगी सरकार ने 8 जिलों के पुलिस कप्तान...