लखनऊ:-उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सेवा एवं मानव संसाधन आउटसोर्सिंग हेतु व्यावहारिक नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि नीति में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे आउटसोर्सिंग कर्मियों का शोषण न होने पाए। नीति में व्यवस्था की जाए कि आउटसोर्सिंग कर्मियों को मिलने वाला मानदेय नियमित, समय पर और बैंक खाते के माध्यम से प्राप्त हो। प्रयास किया जाए कि महीने की अन्तिम तिथि पर सेवा प्रदाता को भुगतान हो जाए तथा आगामी माह के प्रथम सप्ताह में आउटसोर्सिंग कर्मी को भुगतान प्राप्त हो जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में सेवा एवं मानव संसाधन आउटसोर्सिंग हेतु प्रस्तावित नीति के प्रस्तुतिकरण के दौरान अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सेवा प्रदाता कम्पनी के चयन का आधार आउटसोर्सिंग कर्मी को अधिकतम सुविधाएं, यथा बैंक खाते में वेतन, मेडिकल सुविधा, यूनिफार्म एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना होना चाहिए। सेवा प्रदाता कम्पनी और आउटसोर्सिंग कर्मी के बीच होने वाले एग्रीमेण्ट की प्रति कम्पनी द्वारा राज्य सरकार को भी उपलब्ध करायी जानी चाहिए, जिससे आउटसोर्सिंग कर्मी के हितों का संरक्षण हो सके।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक श्री मुकुल सिंघल, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री संजीव कुमार मित्तल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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