मुख्यमंत्री ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के कार्यों की समीक्षा की
खाद्य एवं औषधि के संग्रहीत नमूनों के शीघ्र विश्लेषण के लिए 06 माह के भीतर प्रत्येक मण्डल में प्रयोगशाला की स्थापना के निर्देश
नमूनों का विश्लेषण शीघ्रता और निर्धारित समय-सीमा के अन्दर किया: मुख्यमंत्री
विभाग में यथाशीघ्र ड्रग कन्ट्रोलर की नियुक्ति की जाए
विभाग की लाइसेन्स प्रणाली का सुदृढ़ीकरण करते हुए पारदर्शिता के साथ संचालित किया जाए
पानी की पैकेज़्ड बोतलों, जारों आदि के पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए व्यापक अभियान चलाया जाए
लखनऊ-उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद्य एवं औषधि के संग्रहीत नमूनों के शीघ्र विश्लेषण पर बल देते हुए 06 माह के भीतर प्रत्येक मण्डल में प्रयोगशाला की स्थापना के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रयोगशाला आधुनिक और सभी आवश्यक उपकरणों से युक्त होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला के कार्यों की दिन-प्रतिदिन माॅनीटरिंग की जानी चाहिए, जिससे नमूनों का विश्लेषण शीघ्रता और निर्धारित समय-सीमा के अन्दर किया जा सके।
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मण्डल स्तर पर स्थापित की जाने वाली प्रयोगशालाओं को कालान्तर में और अच्छा तथा सुदृढ़ बनाया जाए। उन्होंने कहा कि विभाग में यथाशीघ्र ड्रग कण्ट्रोलर की नियुक्ति की जाए। ड्रग कण्ट्रोलर के पास पूरे प्रदेश की ड्रग पाॅलिसी तय करने का दायित्व होता है। इसलिए इस पद पर योग्यतम व्यक्ति की नियुक्ति की जाए। उन्होंने विभाग के कार्यों के सुचारु संचालन के लिए 6 महीने के अन्दर आवश्यक मानव संसाधन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग की लाइसेन्स प्रणाली का सुदृढ़ीकरण करते हुए पारदर्शिता के साथ संचालित किया जाए। लाइसेंस निर्गमन में मानव हस्तक्षेप कम से कम करने के लिए पूरी प्रक्रिया आॅनलाइन की जानी चाहिए। साथ ही, लाइसेंस का समयबद्ध निर्गमन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लाइसेंस की कार्यवाही निर्धारित समय में पूरी न होने पर सम्बन्धित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के लम्बित वादों का आगामी 03 महीनों में निस्तारण हेतु सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए जाएं। वादों का निस्तारण शीघ्रता से किन्तु मेरिट के आधार पर होना चाहिए। उन्हांेंने कहा कि मा0 न्यायालयों में लम्बित वादों के शीघ्र निस्तारण के लिए माॅनीटरिंग कमेटी की बैठक के दौरान जिलाधिकारी द्वारा जिला न्यायाधीश से संवाद स्थापित कर अनुरोध किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शुद्ध पेयजल के उपयोग से अधिकतर बीमारियां स्वतः नियंत्रित रहती हैं। खाद्य पदार्थों, औषधियों आदि का नियमित निरीक्षण किया जाए। नुकसानदायक अथवा अधोमानक वाले खाद्य पदार्थों व औषधियों के निर्माताओं और विपणन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। उन्होंने बाजार में बिकने वाली पानी की पैकेज़्ड बोतलों, जारों आदि में भरे पानी की गुणवत्ता की जांच व्यापक अभियान चलाकर किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रीयूज़्ड कुकिंग आॅयल सहित अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट तथा खाद्य सुरक्षा के सम्बन्ध में जनजागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं।
बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन श्रीमती अनीता भटनागर जैन ने मुख्यमंत्री जी को विभागीय कार्यों के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि जांच हेतु नमूनों को संग्रहीत करने और उनके विश्लेषण के कार्यों में तेजी लायी गई है। लाइसेंस प्रक्रिया को पारदर्शी और सरलीकृत किया गया है। विभाग की आॅनलाइन प्रणाली को ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से इण्टीग्रेट किया गया है। जनहित गारण्टी अधिनियम से आच्छादित 08 सेवाएं निवेश मित्र से इण्टीग्रेट की गई हैं। वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ और आगरा की प्रयोगशालाओं को सुदृढ़ किया गया है। इससे इनकी विश्लेषण क्षमता दोगुनी हो गई है।
इस अवसर पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्यमंत्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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