NEW DELHI-चर्च विवाद से जुड़े मामले में सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गुस्से में कहा कि क्या केरल कानून से ऊपर है। कोर्ट ने चर्च के दो धड़ों के बीच विवाद पर 2017 में दिए फैसले के लागू न होने पर राज्य सरकार को फटकार लगाई। साथ ही मुख्य सचिव को सलाखों के पीछे भेजने की चेतावनी दी। जस्टिस अरुण मिश्रा और एम आर शाह की पीठ ने न्याय व्यवस्था का मजाक उड़ाने के लिए केरल के मुख्य सचिव को समन करने के लिए आगाह किया। पीठ मलंकारा चर्च के तहत ऑर्थोडॉक्स धड़े द्वारा 1100 इलाके और उनकी चर्चों के नियंत्रण पर दिए आदेश की पालना से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही थी। पीठ ने राज्य सरकार के वकील से कहा, ‘अपने मुख्य सचिव से कहना कि अगर वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ जाने की मंशा रखते हैं तो हम सबको यहां बुलाएंगे।
क्या केरल कानून से ऊपर है?’ साथ ही जजों ने कहा कि हम बहुत बर्दाश्त चुके हैं। आपके (केरल सरकार) खिलाफ कार्रवाई का समय आ गया है। आप सुप्रीम कोर्ट से ऐसे व्यवहार नहीं कर सकते। पीठ ने राज्य सरकार को स्पष्ट किया कि कोर्ट के आदेश लागू होने चाहिए।
शीर्ष अदालत सेंट मैरी ऑर्थोडॉक्स चर्च और अन्य की अपील पर सुनवाई कर रही थी। इसमें याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि मामले में केरल हाईकोर्ट के कुछ निर्देश सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के विरोधाभासी हैं। ऑर्थोडॉक्स धड़े ने शीर्ष कोर्ट के आदेश की पालना कराने के लिए हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की थीं। राज्य में जैकोबाइट चर्च के अनुयायी ऑर्थोडॉक्स धड़े के समर्थकों को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद चर्चों में प्रार्थना से रोकते रहे हैं।
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