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प्रदेश के सभी 339 रक्तकोषों के पूर्ण विवरण अंकित किये जाने का सत्यापन 25 जुलाई, 2019 तक कराये जाये-डाॅ0 अनीता भटनागर जैन अपर मुख्य सचिव

प्रदेश के सभी 339 रक्तकोषों के पूर्ण विवरण अंकित किये जाने का सत्यापन 25 जुलाई, 2019 तक कराये जाये-डाॅ0 अनीता भटनागर जैन अपर मुख्य सचिव

2019-07-05 22:15:59
प्रदेश के सभी 339 रक्तकोषों के पूर्ण विवरण अंकित किये जाने का सत्यापन 25 जुलाई, 2019 तक कराये जाये-डाॅ0 अनीता भटनागर जैन अपर मुख्य सचिव

रक्तकोष प्रभारियों को ब्लड बैंक पर साफ-सफाई तथा आवश्यक अभिलेखों को पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार रखने के निर्देश
लखनऊ-अपर मुख्य सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डाॅ0 अनीता भटनागर जैन ने ब्लड बैंकों का रख-रखाव मानक के अनुसार किये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने रक्तकोष प्रभारियों को ब्लड बैंक पर साफ-सफाई तथा आवश्यक अभिलेखों को पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार रखने को कहा। उन्होंने आज गोमतीनगर में एक ब्लड बैंक का आकस्मिक निरीक्षण किया।
डाॅ0 जैन ने बताया कि अधिनियम के तहत प्रस्तावित 10 रजिस्टरों का अवलोकन किया गया। अपर मुख्य सचिव के समक्ष एच0आई0वी0, वी0डी0आर0एल0, ब्लड गु्रपिंग आदि टेस्ट कराकर दिखाये गये। ब्लड बैग डायग्नोस्टिक किट, क्रास मैच, एडवर्स रियेक्शन, स्टरलिटी, आदि से सम्बन्धित रिकार्ड का अवलोकन किया गया। सभी रिकार्डो के रख-रखाव में व्यापक सुधार की आवश्यकता है। ब्लड बैंक में 210 ब्लड बैग उपलब्ध बताये गये। ब्लड बैंक परिसर में आटोक्लेव था।
अपर मुख्य सचिव ने ब्लड बैंक में निम्नवत् बिन्दुओं पर सुधार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए-
1- डोनर रजिस्टर में रक्त दाताओं के अधूरे पते अंकित थे। कुछ रक्तदाताओं के मोबाइल नम्बरों के सत्यापन से यह विदित हुआ कि वो नम्बर रक्तदाता का न हो करके उनके किसी रिश्तेदार का था। यह निर्देशित किया गया कि इस बात की पुष्टि कर ली जाये कि जो नम्बर रक्तदाता द्वारा फार्म पर दर्ज कराया गया है वो उसी का हो। अपर मुख्य सचिव द्वारा इस सम्बन्ध मे आपत्ति व्यक्त की गयी कि सही विवरण के अभाव में इस बात की सम्भावना रहती है कि कुछ पेशेवर लोग रक्तदान करते हैं। यह निर्देशित किया गया कि तात्कालिक प्रभाव से रक्तदाता का सम्पूर्ण विवरण सुस्पष्ट रूप से अंकित किया जाये तथा औषधि नियंत्रक को भी निर्देशित किया गया कि प्रदेश के सभी 339 रक्तकोषों के सम्बन्ध में पुनः निर्देश जारी कराकर इसका पूर्ण विवरण अंकित किये जाने का सत्यापन 25 जुलाई, 2019 तक कराया जाये।
2- यह भी विदित हुआ कि रक्तदाता के फार्म पर मेडिकल आफीसर इंचार्ज के हस्ताक्षर होने चाहिये थे, जोकि नहीं थे।
3- ैजंदकंतक व्चमतंजपदह च्तवबमकनतम प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित नहीं था व अविश्लेषित रक्त का रेफ्रिजरेटर कार्य नहीं कर रहा था।
4- मास्टर रिकार्ड में कुछ ब्लड बैग के जारी होने का दिनांक अंकित नहीं थी।
5- रक्त की आवश्यकता हेतु रजिस्टर में सभी के समक्ष रूटीन में केवल एनीमिया लिख दिया गया था। रक्त की आवश्यकता एनीमिया के अतिरिक्त अन्य बीमारियों जैसे-जलने, दुर्घटना होने तथा आपरेशन आदि में भी पड़ती है। अतः प्रकरणवार विवरण अंकित करने के निर्देश दिये गये।
6- रक्त की आवश्यकता हेतु चिकित्सक का जो परामर्श था उनमें कुछ में निर्धारित प्रारूप में समस्त विवरण नहीं पाया गया था तथा चिकित्सक या हास्पिटल की स्टाम्प भी नहीं लगी थी। प्रिस्क्रिप्सन प्रारूपों पर मास्टर रजिस्टर से क्रमांक अंकित होना चाहिये और प्रिस्क्रिप्सन प्रारूप उस क्रमांक के क्रम मे ही रखा जाना चाहिये। रजिस्ट्रेशन स्लिप पर मरीज का नाम अंकित होना चाहिये जो कि कुछ प्रकरणों में नहीं था।
7- जिस मरीज के लिये रक्त उपलब्ध कराया जाता है उसके साथ में एक फार्म दिया जाता है। उक्त फार्म पर एडवर्स रियेक्शन के सम्बन्ध में सूचना औषधि प्रसाधन अधिनियम 1940 एवं नियमावली 1945 के तहत ब्लड बैंक के पास आनी चाहिये। ऐसी कोई भी सूचना सम्बन्धित ब्लड बैंक को किसी भी अस्पताल से प्राप्त नहीं हुयी।
8- यह अपेक्षा की गयी कि जिन रक्तदाताओं के रक्त विश्लेषण उपरान्त वे एच0आई0वी0 पाजिटिव पाये जाते है, उनकी सूचना सम्बन्धित को व नियमानुसार छ।ब्व् को प्रेषित की जाये क्योकिं फार्म में सूचना अधूरी है। अतः ऐसे प्रकरणों की भी सूचना अपूर्ण होगी और इन एच0आई0वी0 पाजिटिव मरीजों को फालोअप कराकर काउन्सिलिंग व इलाज कराने में भी समस्या आयेगी।
9- समस्त टेसिं्टग लैबोरेटरी के दरवाजे खुले थे, जबकि उन्हें बन्द रहना चाहिये, जिससे कि संक्रमण की संभावना न रहे।
10- जहाँ पर ब्लड टेस्ट होता है वहाँ पर इस प्रकार की दीवारें नहीं होनी चाहिये, जिस पर किनारा स्मकहम या आले हों जिसमें धूल एकत्रित हो। लैब में लकडी का फर्नीचर भी पाया गया जोकि पिछले निरीक्षण में भी पाया गया था। उक्त को समयबद्ध रूप से रिप्लेस कराने के सम्बन्ध में भी निर्देशित किया गया।
अपर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निरीक्षण नोट में अनुपालन हेतु व्यावहारिक समय अवधि इंगित की जानी चाहिये और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि उक्त अवधि में अनुपालन हो जाये। निरीक्षण नोट में तिथि के अभाव में कोई समयबद्धता नहीं रहती है।
उक्त निरीक्षण के समय ड्रग कन्ट्रोलर, सहायक आयुक्त (औषधि) तथा औषधि निरीक्षक उपस्थित थे ।


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