सोनभद्र-सोनभद्र की पुलिस ने लखनऊ पुलिस जैसी कारस्तानी दोहरा दी है। चेकिंग के लिए नहीं रुकने पर बाइक सवार युवक को गोली मार दी। दो गोलियां लगने के कारण गंभीर हालत में युवक को बीएचयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने अपने आप को बचाने के लिए पहले घटना को सड़क हादसा साबित करने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। एसपी का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। सिपाही की लापरवाही सामने आई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले सितंबर 2018 में लखनऊ में चेकिंग के लिए नहीं रुकने पर कार सवार एप्पल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक की गोली मारकर पुलिस ने जान ले ली थी।
मड़िहान थाने के ददरा गांव निवासी 26 वर्षीय रविंद्र कोल गांव में ही स्थित जौनपुरी ढाबे पर वेटर का कार्य करता है। उसने हाल ही में अपने हिस्से की जमीन बेंच कर बाइक खरीदी थी। अधिक पैसा कमाने के लिए वह वेटर का कार्य छोड़कर मुम्बई जाने की तैयारी में था। किसी ने उसे माली हालत में सुधार के लिए ताबीज पहनने की सलाह दी। उसी ताबीज को लेने के लिए ढाबा से खाली होकर वह सोनभद्र के सुकृत जा रहा था।
सोनभद्र की सीमा में कर्मा थाने के कुचमरवा गांव के पास पुलिस ने चेकिंग के लिए रुकने का इशारा किया। गाड़ी का कागज अौर लाइसेंस नहीं होने के कारण वह रुका नहीं। इस पर पुलिस ने पीछा कर उसे दो गोलियां मार दीं। हाथ और पैर में गोली लगते ही रविंद्र बाइक समेत सड़क पर गिर गया। पुलिस ने उसे पीएचसी पहुंचाया अौर उसके घर हादसे में घायल होने की जानकारी दी। परिवार के लोग अस्पताल पहुंचे अौर रविंद्र से घटना की जानकारी मिली तो पुलिस धीरे से खिसक गयी।
रविंद्र को गोली मारने के तत्काल बाद खुद बचने के लिए पुलिस ने उसका आपराधिक इतिहास खंगालना शुरू किया। लेकिन एक भी अपराध नहीं मिला। सोनभद्र के एसपी सलमान ताज पाटिल का कहना है कि इस घटना के बाद युवक की आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच कराई गई। जांच में कोई भी मामला सामने नहीं आया। युवक एक सामान्य परिवार से है। पुलिस के रिकार्ड में रविंद्र कोल के खिलाफ जिले के किसी भी थाने में कोई मामला दर्ज नहीं है। यहां तक कि शांतिभंग में भी कभी उसका चालान नहीं किया गया है। ऐसे में पुलिस कर्मियों की तरफ से की गयी कार्रवाई उन पर भारी साबित हो सकती है। रविंद्र पांच भाइयों व एक बहन में सबसे छोटा है। उसके माता-पिता एव दो भाइयों की मौत एक दशक पूर्व हो गयी थी। उसके परिवार में बड़े भाई सुखराज व राजेंद्र उर्फ छोटक कोल है। दोनों भाइयों की शादी हो गयी है। बहन मुन्नी देवी की शादी बघौड़ा में हुई है। रविंद्र की अभी शादी भी नहीं हुई है।
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