नई दिल्ली-सरकार मंगलवार को राज्यसभा में तत्काल तीन तलाक बिल पेश करेगी। सत्तारूढ़ भाजपा ने अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया है। ज्ञात हो कि इस बिल को कांग्रेस, सपा, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक सहित अन्य पार्टियों के वॉकआउट के बीच लोकसभा पहले ही ध्वनिमत से इसे पारित कर चुकी है। बता दें कि यह बिल 16वीं लोकसभा में भी पारित किया गया था, लेकिन राज्यसभा में अटक गया था। इस बिल में तत्काल तीन तलाक को अपराध माना गया है और ऐसा करने वाले मुस्लिम पुरुषों को सजा देने का प्रावधान किया गया है। कई विपक्षी दल इस बिल का कड़ा विरोध कर रहे हैं, लेकिन सरकार का कहना है कि यह बिल लैंगिक समानता और न्याय की दिशा में एक कदम है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक जैसी पार्टियों की मांग है कि इसे समीक्षा के लिए संसदीय समिति के पास भेजा जाए।
खास बात यह है कि निचले सदन के विपरीत सत्तारूढ़ गठबंधन को राज्यसभा में इसे पारित कराने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी, क्योंकि यहां पर उसे बहुमत प्राप्त नहीं है। भाजपा के लिए मुश्किल यही खत्म नहीं होती है। जदयू जैसे राजग के कुछ सहयोगी दलों ने भी इस बिल पर अपनी आपत्ति जताई है। बहरहाल, भाजपा के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, लेकिन उसने बीजू जनता दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और वाईएसआर कांग्रेस के समर्थन से पिछले सप्ताह आरटीआई विधेयक राज्यसभा में पारित कराया था। तीन तलाक बिल को राज्यसभा में पास कराने को लेकर भी भाजपा को इन दलों से समर्थन की फिर से उम्मीद है।
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