जितनी प्यास उतना गिलास-अपर मुख्य सचिव
पानी, बिजली व खाने की बरबादी रोकने के सम्बन्ध में सेमिनार का आयोजन
लखनऊ:-खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, लखनऊ द्वारा आज 1 अगस्त को उत्तर प्रदेश होटल एवं रेस्टोरेन्ट एसोसिएशन के सौजन्य से होटल हयात रेजेन्सी में ,एनवायरमेन्टल कान्सर्न आफ हास्पिटैलिटी इण्डस्ट्री ग्रीनिंग आॅफ होटल एण्ड रेस्टोरेन्ट विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसकी मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, डा0 अनिता भटनागर जैन रहीं तथा अध्यक्षता होटल एवं रेस्टोरेन्ट एसोसिएशन आफ नार्दन इण्डिया के अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार जायसवाल ने की।
डा0 अनिता भटनागर जैन ने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा एवं जलवायु जीवन को सफल बनाने के लिए इको फ्रेंडली प्रेक्टिसेस हम सभी को अपनाना पडे़ग, तभी हम अपनी जीवन यात्रा सफल बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल सेमिनार नहीं है, यह हम सभी का योग्दान हैं। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा विभाग की एक अलग महत्ता है, जिससें हम जान सकते है कि कौन सी चीज सही है और कौन सी गलत है। डा0 जैन ने सभी सम्मानित होटल मालिक मैनेजर से अनुरोध किया कि सभी लोग इस ग्रीनिंग आफ होटल के कार्यक्रम के तहत पानी की बोतल का प्रयोग न करें तथा कांच की बोतलों का प्रयोग करें। अपर मुख्य सचिव द्वारा जितनी प्यास उतना गिलास का नारा दिया, होटलों में सिंगल लीटर टैप, टू फ्लस सिस्टम, बाल्टी की उपलब्धता डिस्पेंसर लगाने के लिए तथा उनके कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु निर्देशित किया। फूड वेस्टेज कम करने हेतु गार्निशिंग का कम उपयोग एवं सर्विंग साइज कम करने हेतु भी बताया गया, बिजली संरक्षण हेतुं सेंसर एक्टिवेटेड लाइट सभी होटलों में लगवाने हेतु भी कहा गया।
अपर मुख्य सचिव द्वारा पर्यावरण की दृष्टि से पेड़ पौधो का रोपण एवं पेड़ पौधे कम काटे जाने पर प्रकाश डाला गया, क्योंकि ग्रीन हाऊस इफेक्ट से हमारे वातावरण का तापमान सामान्यतया 32 डिग्री से 45 डिग्री होता जा रहा है, जिससे समुद्र का लेवल बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी हम सभी की है, जो अभी पैदा भी नही हुए है उनके लिए हमें इसे ग्लोबल वार्मिंग से बचाना है। अपर मुख्य सचिव ने रिड्यूस, रियूस, रिसायकल, रिफ्यूस्ड का नारा दिया।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि अतिथियों को भोजन सर्व करने की जैसी व्यवस्था करें, जिससे उनकी भूख/आवश्यकता के अनुसार ही भोजन प्रस्तुत किया जाय तथा भरसक प्रयास किया जाय कि लेट ओवर फूड की मात्रा को कम से कम किया जाय। इसके साथ ही बचे हुए भोजन को प्रोग्राम की समाप्ति के तत्काल बाद सुरक्षित रूप से चख कर जांच करते हुए स्वयं सेवी संस्थाओ के माध्यम से जरूरतमंद लोगो तक पहुंचाने में मददगार बनाया जाय।
उन्होंने जितनी प्यास-उतना गिलास पर बल देते हुए कहा कि अतिथियों को उनकी आवश्यकता के अनुसार ही पीने का पानी प्रस्तुत किया जाय। प्लास्टिक की बोतलों का प्रयोग को यथा सम्भव समाप्त कर स्वंय का आर0 ओ0 का पानी कांच की बोतलों व गिलास में सर्व किया जाय।
डा0 जैन अनुरोध किया कि आवश्यकता से अधिक लाइट्स व बिजली उपकरणों को बन्द कर दिया जाय तथा सजावट वाली लाइट्स को भी आवश्यकता के बाद/रात के 12 बजे के बाद बंद कर दिया जाय अथवा कम कर दिया जाय।
उन्होंने कहा कि इस तरह उपलब्ध संसाधनों की बरबादी को कम करके हास्पिटैलिटी इण्डस्ट्री की मूलभूत समस्याओं को नवोन्मेषी ढंग से हल किया जा सकता है। इस दिशा में यह अनूठी पहल है, क्यांेकि आतिथ्य एवं पर्यटन क्षेत्र द्वारा विश्व बिरादरी की पर्यावरण संरक्षण की चिन्ताओं के सन्दर्भ में कदम ताल करते हुए प्रदेश में ही नहीं अपितु देश में भी इस क्षेत्र का यह पहला प्रयास है, जोकि हास्पिटैलिटी सेक्टर के सभी स्टेक होल्डर्स को साथ लेकर सेन्सीटाइज करने की दिशा में अभिनव प्रयास है। इस पहल के साथ वैज्ञानिक तरीको को अपनाकर आतिथ्य उद्योग को पर्यावरण मित्र बनाकर पोषणीय विकास की अवधारणा को मूर्तरूप दिया जा सकता है।
अपर मुख्य सचिव की प्रस्तुति के पश्चात होटल एवं रेस्टोरेन्ट एसोसिएशन द्वारा मुख्य अतिथि डा0 अनिता भटनाग्र जैन, अपर मुख्य सचिव को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। साथ ही अन्य अतिथियों को भी स्मृति चिन्ह भेंट किये गये।
अन्त में अभिहित अधिकारी, लखनऊ सैय्यद शाहनवाज़ हैदर आबिदी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।
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