lucknow-खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा Repurpose Used Cooking Oil (RUCO) के सम्बन्ध में कार्यशाला आयोजित की गयी प्रश्नगत कार्यशाला में होटल एवं रेस्टोरेण्ट एसोशिएशन, नमकीन एसोशिएशन, खाद्य कारोबारियों, तेल कम्पनियों के प्रतिनिधियों व विभिन्न जनपदों के अभिहित अधिकारियों द्वारा भाग लिया गया ।
उक्त कार्यशाला में डॉ० अनिता भटनागर जैन अपर मुख्य सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि एफ०एस०एस०ए०आई० द्वारा निर्गत की गयी गाइड लाईन्स के अनुसार खाद्य तेल को बार-बार गर्म कर 3 बार तलने के उपरान्त उसकी प्रकृति बदल जाती है और वह खाद्य तेल स्वास्थ्य के लिये घातक हो सकता है । उसमें कारसिओजेनिक (Carciogenic) तत्व हो सकते हैं । 3 बार उपयोग के उपरान्त खाद्य तेल का रंग काला अथवा गाढ़ा भूरा हो जाता है तथा जिसमें बहुत अधिक धुआँ निकलता है तथा वह अधिक चिपचिपा हो जाता है । यदि तेल फेका जाता है तो भी मृदा या पानी का प्रदूषण होता है और वह नालियों में जम जाता है ।
एफ०एस०एस०ए०आई० द्वारा यह बताया गया है कि तलने के उपरान्त तेल से खाद्य पदार्थ के टुकड़े छानकर एअर टाईट कन्टेनर में 2 दिन तक रख कर ही उपयोग कर सकते हैं । 3 बार के उपयोक के बाद तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिये ।
इस पृष्ठभूमि में Repurpose Used Cooking Oil का उपयोग बायोडीजल हेतु करने के परिप्रेक्ष्य में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा विभिन्न जनपदों में 25 से 50 लीटर व 50 लीटर से अधिक दैनिक खाद्य तेल का उपयोग करने वाले प्रतिष्ठानों का सर्वेक्षण कराया गया । उक्त सर्वेक्षणों के अनुसार करीब 38 हजार लीटर खाद्य तेल बायोडीजल के उपयोग हेतु प्रदेश में दैनिक रूप से उपलब्ध हो सकता है ।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में पर्यावरण सुधार से सम्बन्धित इस महत्वाकांक्षी योजना के कार्यान्वयन हेतु पुनः गहन सर्वेक्षण 20 से 30 अगस्त, तक कराने हेतु प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है।
कार्यशाला में उत्तर प्रदेश हेतु एफ०एस०एस०ए०आई० द्वारा नियुक्त की गयी कम्पनी बायो डी के प्रतिनिधि द्वारा भी प्रस्तुतिकरण किया गया । कम्पनी द्वारा निर्धारित दर पर उक्त तेल को खरीद कर हरियाणा स्थित अपने प्लाण्ट में लाया जायेगा । इस्तेमाल किये हुये तेल को कम्पनी को उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में निर्धारित एम०ओ०यू० व अन्य सूचनाओं को प्राप्त कर विभिन्न रेस्टोरेण्ट व होटलों को भी उपलब्ध कराया जायेगा । अपर मुख्य सचिव द्वारा अवगत कराया गया कि इस सम्बन्ध में चरणवार रणनीति बनाकर बड़े प्रतिष्ठानों से इस तेल का संग्रहण कराकर सम्बन्धित कम्पनी को बायोडीजल के रूप में उपलब्ध कराने के लिये जनपदवार रणनीति बनायी जाये ।
कार्यशाला में विभिन्न खाद्य कारोबारियों की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया गया तथा सभी कारोबारी इस सम्बन्ध में एक मत थे कि इस कार्य को सभी के हित में कराया जाना है ।
इस अवसर पर विभाग के शकील अहमद, उप महा निरीक्षक, विष्णुकान्त वर्मा, सहायक आयुक्त खाद्य, होटल एण्ड रेस्टोरण्ट एसोशिएशन नार्थ इण्डिया के अध्यक्ष सुरेन्द्र जायसवाल, फूड प्रोसेसर एसोशिएशन लखनऊ के महामंत्री अनिल विरमानी, नमकीन निर्माता एसोशिएशन के महामंत्री वासुदेव चावला, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम लखनऊ के उप महा प्रबन्धक विपुल अग्रवाल, इण्डियन ऑयल कार्पोरेशन लखनऊ के मुख्य महा प्रबन्धक पी. के. चटर्जी तथा बायो डी कम्पनी के टेक्निकल ऑफीसर ध्रुव उपस्थित थे ।
झांसी में हुआ हादसा खिड़की तोड़कर बाहर निकाले...
इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में पूर्व मंत्री आशुतोष...
वाराणसी में 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र...
Lucknow: दरिंदगी, कट्टरता और अराजकता के खिलाफ शहर में...
यूपी में ठंड की आहट…आज भी इन 26 जिलों में बारिश का...
UP में फिर तबादले; योगी सरकार ने 8 जिलों के पुलिस कप्तान...