बेहतर और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाओं के लिये प्रदेश में 500 डायग्नोस्टिक केन्द्र खोले जायेंगे
लखनऊ-उत्तर प्रदेश सरकार अपनी प्रतिबद्धता के अनुसार 2021 तक प्रदेशवासियों के लिए व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगी और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से राज्य भर में करीब 500 से अधिक डाइग्नोस्टिक सेंटर स्थापित करेगी।
उक्त उद्गार प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इण्डो-अमेरिकन चेम्बर आॅफ काॅमर्स-नार्थ इंडिया काउंसिल (आईएसीसी-एनआईसी) के 15वें इंडो-यूएस इकोनाॅमिक समिट को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। सिद्धार्थ नाथ सिंह जोकि वर्तमान में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम, निवेश व निर्यात, खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के मंत्री हैं, ने कहा कि हम भरपुर कोशिश कर रहे हैं कि प्रदेश के लोगों को उनकी आवश्यकता के दौरान समय से, नजदीक और बेहतर से बेहतर आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो सकें।
उन्होंने बताया कि निजी क्षेत्र के अग्रणी अस्पतालों से प्रस्तावित डाइग्नोस्टिक सेंटर्स की स्थापना के लिए पहले से ही काफी उत्साहजनक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। जिसके फलस्वरूप डाइग्नोस्टिक सेंटर्स को बेहतर तरीके से स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि यह केन्द्र मूल रूप से राज्य के लोगों को एक प्रभावी मूल्य निर्धारण तंत्र के साथ आवश्यक और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य के साथ स्थापित किए जाएंगे, जिसमें कमजोर और सुविधाओं से वंचित लोगों को बिना किसी भेदभाव के बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त होंगी।
एम्बुलेन्स सेवाओं के सफल संचालन के बारे में मंत्री जी ने बताया कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में सभी को समय से स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया हो सकें, इसके लिए प्रदेष सरकार द्वारा 108 एवं 102 नाम से एम्बुलेन्स सेवाऐं प्रदान की जा रही हैं। स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर बनाने के लिए प्रदेश सरकार अपनी एम्बुलेन्स क्षमताओं में वृद्धि कर रही है ताकि एम्बुलेन्स की अनुपलब्धता के चलते किसी जरूरतमंद को किसी प्रकार से हानि का सामना न करना पड़े। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में 15 मिनट एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 20 मिनट के भीतर जरूरतमंद को एम्बुलेन्स सेवा प्रदान की जा रही है।
प्रदेश सरकार कुशल एवं प्रभावी स्वास्थ्य सेवाऐं प्रदान करने के लिए राज्य में 13 नए मेडिकल काॅलेज खोल रही है, जिससे पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को तैयार किया जा सकेगा। केन्द्र द्वारा संचालित महत्वाकंाक्षी आयुष्मान भारत योजना जो गरबांे और वंचितों के लिये वरदान साबित हो रही है, से उत्तर प्रदेश ही नहीं वरन् पूरे देश में करोड़ों परिवारों को स्वास्थ्य सेवायें मुहैया कराई जा रही हैं। बेहतर एवं सफलतम चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत योजना में प्रदेश भर में 1500 हास्पिटल को इस योजना में पंजीकृत किया गया है जिसमें 900 अस्पताल निजी क्षेत्र के हैं। इन अस्पतालों में कमजोर और सुविधाओं से वंचित लोगों को बिना किसी भेदभाव के आवश्यकता के अनुरूप चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं। प्रदेश सरकार द्वारा जेइएस एवं एइएस से होने वाली मृत्युदर को कम से कमतर किया गया है।
राज्य में निवेश के बदलते माहौल पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार के साथ उद्योगों को स्थापित करने के लिए निवेश का प्रवाह बढ़ेगा क्योंकि इस दिशा में केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा काफी गंभीरता से सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं ताकि औद्योगिक इकाईयों की स्थापना के लिए अनुकूल निवेश नीतियों को तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इस दिशा में सार्थक परिणाम प्राप्त हांेगे।
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