lucknow-प्रदेश सरकार राज्य के 14 शहरों में 700 एसी मिड इलेक्ट्रिक बसें चलाने जा रही है। इसमें 11 शहरों का खर्च केंद्र और तीन शहरों का राज्य सरकार उठाएगी। इन बसों को चलाने पर 965 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ।
नगर विकास विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक केंद्र सरकार की फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण में लखनऊ, कानपुर और आगरा में 100-100 बसें चलाई जाएंगी। गाजियाबाद, वाराणसी, प्रयागराज व मेरठ में 50-50 बसें चलाई जाएंगी। मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी व बरेली में 25-25 बसें चलाई जाएंगी। केंद्र सरकार इन बसों को खरीदने के लिए 45 लाख रुपये अनुदान देगी। राज्य सरकार इसके अलावा अपने खर्च पर मथुरा-वृंदावन में 50 और गोरखपुर व शाहजहांपुर में 25-25 बसें चलाएगी। इन बसों को खरीदने के लिए अनुबंध पर करार करते हुए 15 नवंबर तक अनुमति दे दी जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए 270 करोड़ रुपये अनुदान दिया है। तय समय में पैसा न देने पर इसे वापस करना पड़ेगा।
राज्य सरकार ने शहरों में पेयजल, सीवरेज, नाले और नगरीय परिवहन सेवा के लिए ग्राम समाज की जमीनें मुफ्त में देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। कैबिनेट फैसले के मुताबिक अब इन कामों के लिए मुफ्त जमीन देने के लिए कैबिनेट से प्रस्ताव भी पास कराने की जरूरत नहीं होगी। विभाग आपसी सहमति से यह काम कर सकेंगे। यह सुविधा पांच साल तक के लिए दी गई है। राज्य सरकार चाहती है कि शहरी सुविधाएं विकसित करने में किसी तरह की कोई बाधा नहीं आनी चाहिए। इसलिए विभागीय सहमति के आधार पर मुफ्त में जमीन देने का फैसला किया गया है।
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