कानपुर : रेल बाजार से खरीदा था मोबाइल का सिम
लखनऊः हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड में यूपी पुलिस ने हत्यारों पर ईनाम घोषित किया है. अशफाक और मोइनुद्दीन पठान पर ढाई-ढाई लाख का ईनाम घोषित किया गया है. इस बीच संदिग्ध हत्यारे शाहजहांपुर में दिखाई दिए हैं. जिसके बाद एसटीएफ ने होटलों और मदरसों के मुसाफिरखानो में ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर दी है. सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध दिखाई दिए हैं. फिलहाल एसटीएफ शाहजहांपुर में डेरा जमाए हुए है और सख्ती से आरोपियों की तलाश में जुटी है. सूत्रों की मानें तो कमलेश तिवारी की हत्या के संदिग्ध हत्यारे लखीमपुर जिले के पलिया से इनोवा गाड़ी बुक करा कर शाहजहांपुर पहुंचे थे.संदिग्धों की शाहजहांपुर में लोकेशन मिलने पर एसटीएफ ने देर रात 4:00 बजे कई होटलों मदरसों और मुसाफिरखाना में ताबड़तोड़ छापेमारी की. रेलवे स्टेशन पर होटल पैराडाइस में लगे कैमरे की सीसीटीवी फुटेज में दोनों संदिग्ध हत्यारे दिखाई दिए हैं. दोनों संदिग्धों ने रेलवे स्टेशन पर इनोवा गाड़ी छोड़ दी और पैदल रोडवेज बस स्टैंड की तरफ जाते हुए दिखाई दिए हैं. एसटीएफ ने इंनोवा गाड़ी के ड्राइवर को कब्जे में ले लिया है . आशंका व्यक्त की जा रही है कि संदिग्ध शाहजहांपुर में ही कहीं छिपे हुए हैं. एसटीएफ की छापेमारी में होटल वाले भी सकते में है.
कमलेश तिवारी हत्याकांड में अब तक पुलिस और एसटीएफ को कई कड़ियां मिलती जा रही जिससे हत्यारों अशफाक और मोइनुद्दीन तक पहुंचना आसान हो रहा है। अब पुलिस ने दोनों शूटरों पर ढाई ढाई लाख का इनाम भी घोषित कर लिया है। लेकिन इस हत्याकांड में अब तक सबसे बड़ा सवाल जिस पर पुलिस अफसरों को हैरानी भी हैरानी है वह यह है कि सूरत से कमलेश की हत्या करने आए इन हत्यारों ने कहीं भी अपनी पहचान छिपाने की कोशिश आखिर क्यों नहीं की? कानपुर में सिम कार्ड खरीदा तो असली नाम और आईडी से। हत्या के समय भी सूरत से खरीदा मिठाई का डिब्बा बिल पर्ची के साथ ले गए। इसी तरह होटल खालसा इन में रुके तो वहां भी दोनों आरोपियों ने अपने असली आधार कार्ड को आईडी के तौर दिया। वह होटल से लेकर खुर्शेदबाग की गलियों में गए। 22 फुटेज उनके मिले। एक भी फुटेज ऐसा नहीं निकला जिसमें अशफाक और मोइनुद्दीन ने चेहरा छिपाया हो। कमलेश तिवारी के हत्यारोपितों ने कानपुर के रेल बाजार से सिम खरीदा था। गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ और कमलेश तिवारी को किए गए फोन के नंबर की जांच के दौरान पता चला कि सिम कानपुर से खरीदा गया था। इस सूचना के बाद कानपुर एसटीएफ भी सक्रिय हुई। रविवार को पुलिस ने रेल बाजार के उस मोबाइल स्टोर को खोज निकाला जहां से सिम जारी किया गया था।
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