निर्माण कार्य के सम्बन्ध में कोई रिवाइज्ड एस्टीमेट स्वीकार नहीं किया जाएगा
कार्यदायी संस्थाएं निर्माण कार्य को मानकों के अनुसार, गुणवत्तापूर्ण तथा समयबद्ध ढंग से पूर्ण करें
निर्माण कार्यों के पर्यवेक्षण के लिए अलग से टीम गठित की जाए
मुख्यमंत्री को अपर मुख्य सचिव गृह ने पुलिस विभाग में प्रस्तावित विभिन्न भवन निर्माण कार्यों और उनकी डिजाइन के सम्बन्ध में जानकारी दी
322 थानों में महिला व पुरुष बैरक एवं विवेचना कक्ष, पी0ए0सी0 की 31 वाहिनियों में 200-200 क्षमता की बैरक, 44 पुलिस लाइन में महिला व पुरुष हेतु अलग-अलग हाॅस्टल व ट्रांजिट हाॅस्टल, 36 थानों व 14 चैकियों में आवासीय/अनावासीय भवन, 68 नये अग्निशमन केन्द्र का निर्माण
9 पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों की क्षमता का दोगुना विस्तार
इन निर्माण कार्यों के लिए इस वित्तीय वर्ष में 2198 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि स्वीकृत
पहली बार पुलिस विभाग में इतनी बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों हेतु आवासीय व अनावासीय भवनों का निर्माण
पहली बार महिला पुलिस कर्मियों हेतु बैरक का निर्माण
पुलिस कर्मियों को आवासीय सुविधा हेतु मल्टीस्टोरी भवन का निर्माण
लखनऊ:-उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य के सभी 18 पुलिस रेंज में साइबर थाने एवं फाॅरेंसिक लैब की स्थापना की जाए। इसके लिए आवश्यक मानव संसाधन की भर्ती प्रक्रिया को भी शीघ्रता से आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि राजधानी लखनऊ में फाॅरेंसिक विश्वविद्यालय की स्थापना के कार्य को त्वरित गति से आगे बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश आज यहां लोक भवन में पुलिस के प्रशासनिक व आवासीय भवनों के निर्माण के सम्बन्ध में गृह विभाग के प्रस्तुतिकरण के अवलोकन के दौरान दिए। प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने पुलिस विभाग में प्रस्तावित विभिन्न भवन निर्माण कार्यों और उनकी डिजाइन के सम्बन्ध में जानकारी दी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निर्माण कार्य से पूर्व सम्बन्धित कार्यदायी संस्थाओं से एग्रीमेंट सम्पादित कर लिया जाए। एग्रीमेंट में निर्माण कार्य को प्रारम्भ व पूर्ण करने की तिथि निश्चित हो। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को स्पष्ट किया कि निर्माण कार्य के सम्बन्ध में कोई रिवाइज्ड एस्टीमेट स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्यदायी संस्थाएं निर्माण कार्य को मानकों के अनुसार, गुणवत्तापूर्ण तथा समयबद्ध ढंग से पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों के पर्यवेक्षण के लिए अलग से टीम गठित की जाए। उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी भ्रमण कर कार्यों की गुणवत्ता परखेंगे।
प्रस्तुतिकरण के दौरान अपर मुख्य सचिव गृह ने मुख्यमंत्री जी को थानों में प्रस्तावित बैरक/हाॅस्टल, पुलिस लाइन में बैरक/हाॅस्टल, पुलिस लाइन में आवासीय भवन, पी0ए0सी0 वाहिनी में बैरक/हाॅस्टल, नवसृजित जनपदों में पुलिस लाइन, नये थानों, पुलिस चैकियों, अग्निशमन केन्द्रों तथा पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों की क्षमता विस्तार हेतु प्रस्तावित निर्माण कार्यों के सम्बन्ध में विस्तार से अवगत कराया।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि 322 थानों में महिला व पुरुष बैरक एवं विवेचना कक्ष, पी0ए0सी0 की 31 वाहिनियों में 200-200 क्षमता की बैरक, 44 पुलिस लाइन में महिला व पुरुष हेतु अलग-अलग हाॅस्टल व ट्रांजिट हाॅस्टल, 36 थानों व 14 चैकियों में आवासीय/अनावासीय भवन, 68 नये अग्निशमन केन्द्र के निर्माण के साथ, 09 पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों की क्षमता विस्तार कर दोगुना किया जा रहा है। इन निर्माण कार्यों के लिए इस वित्तीय वर्ष में 2198 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने बताया कि पहली बार पुलिस विभाग में इतनी बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों हेतु आवासीय व अनावासीय भवनों के निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं। पहली बार महिला पुलिस कर्मियों हेतु बैरक का निर्माण कराया जा रहा है। पुलिस कर्मियों को आवासीय सुविधा हेतु मल्टीस्टोरी भवन का निर्माण कराया जा रहा है।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक ओ0पी0 सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नितिन रमेश गोकर्ण सहित वरिष्ठ अधिकारी तथा विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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