सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्वाचन आयोग से कहा कि आपराधिक रिकार्ड वाले नेताओं को राजनीतिक पार्टियों द्वारा टिकट देने के मामले में पेश याचिका पर विचार कर आदेश पारित करे।
भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने जनहित याचिका दायर कर निर्वाचन आयोग को ऐसी व्यवस्था करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था, जिससे कि राजनीतिक दलों को आपराधिक रिकार्ड वाले व्यक्तियों को चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाए जाने से रोका जा सके।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने जनहित याचिका पर विचार करने से इंकार करते हुए यह आदेश दिया है। पीठ ने कहा कि हम निर्वाचन आयोग को निर्देश देते हैं कि याचिकाकर्ता की गुजारिश पर तीन महीने के भीतर विचार करे और इस संबंध में विस्तृत आदेश पारित करे।
सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह की एक अन्य जनहित याचिका का निस्तारण कर याचिकाकर्ता को निर्वाचन आयोग से गुजारिश करने के निर्देश दिए थे। उपाध्याय ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की इस वजह से उन्होंने नई याचिका दायर की है।
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