विगत वर्ष की तुलना में वर्ष 2019 में जे0ई एवं ए0ई0एस0 रोगियों की संख्या तथा मृत्यु दर में आई भारी कमी
लखनऊ-उत्तर प्रदेश राज्य में एक्यूट इंसेफ्लाईटिस सिंड्रोम (ए0ई0एस0) एवं जापानी इंसेफ्लाईटिस (जे0ई0) के नियंत्रण एवं इन बीमारियों से ग्रस्त मरीजों का प्रभावी उपचार वर्तमान सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है। जे0ई, ए0ई0एस0 एवं संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण पाने के उद्देश्य से प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में वर्ष 2019 में तीन चरणों में विशेष अभियान चलाया गया। इस वर्ष 01 जनवरी से 14 नवम्बर के मध्य ए0ई0एस0 से ग्रसित 1791 रोगी सूचित हुये, जबकि इसी अवधि में जे0ई0 के 199 रोगी पाये गये।
यह जानकारी सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, श्रीमती वी0हेकाली झिमोमी ने देते हुये बताया कि वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में ए0ई0एस0 रोगियों की संख्या में भारी कमी दर्ज की गयी है। इसके अतिरिक्त ए0ई0एस0 रोगियों की मृत्यु दर भी 4.60 से घटकर 4.30 रह गयी है। इसी प्रकार जे0ई0 से ग्रसित रोगियों की मृत्यु दर में भी कमी आयी है।
श्रीमती झिमोमी ने बताया कि प्रदेश सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि बी0आर0डी0 मेडिकल कालेज में इस वर्ष जे0ई0 एवं ए0ई0एस0 से ग्रसित रोगियों का दबाव कम हुआ है। उन्होंने कहा कि रोगियों की मृत्यु दर पर भी प्रभावी नियंत्रण पाते हुये बी0आर0डी0 मेडिकल कालेज में जहां पिछले वर्ष की तुलना में गिरकर 67 से 33 रही है, वहीं प्रदेश के अन्य उपचार केन्द्रों पर भी मृतकों की संख्या घटकर 62 से 44 हो गयी है।
सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश सरकार के इस अभियान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त नगर विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, शिक्षा विभाग के साथ-साथ अन्य कई विभागों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने कहा कि इन विभागों द्वारा भी कार्यक्रम चलाकर इस अभियान में सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
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