वर्तमान पेराई सत्र में गन्ना क्रय केन्द्रों पर घटतौली रोकने एवं गन्ना माफियाओं पर अंकुश लगाने हेतु गन्ना विकास विभाग गम्भीर।
पेराई सत्र में अब तक गन्ना क्रय केन्द्रों के कुल 1,433 निरीक्षण किये गये, इनमें 11 गम्भीर अनियमितताएं तथा 107 सामान्य प्रकार की अनियमितताएं पकड़ी गयी।
गन्ना घटतौली के प्रकरणों में 16 तौल लिपिकों के लाइसेंस निलम्बित।
अवैध गन्ना खरीद में गन्ना माफियाओं एवं चीनी मिल प्रबन्धन पर आई.पी.सी. एवं उत्तर प्रदेश गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन अधिनियम, 1953) की सुसंगत धाराओं एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत 06 एफ.आई.आर. दर्ज।
लखनऊ:-मुख्यमंत्री उ.प्र. योगी आदित्यनाथ द्वारा गन्ना तौल को शुद्ध एवं पारदर्शी बनाने तथा गन्ना माफियाओं पर अंकुश लगाने सम्बन्धी दिये गये निर्देशों के क्रम में मा. मंत्री गन्ना विकास विभाग एवं चीनी उद्योग, सुरेश राणा द्वारा अभियान चलाकर गन्ना क्रय केन्द्रों पर गन्ना घटतौली रोकने एवं गन्ना माफियाओं पर अंकुश लगाने हेतु निर्देश पारित किये गये हैं।
इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त, श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि वर्तमान पेराई सत्र हेतु क्रय केन्द्रों की विस्तृत जांच के लिये व्यापक स्तर पर अधिकार प्रदान किये गये हैं तथा क्रय केन्द्रों पर तैनात तौल लिपिकों के पाक्षिक स्थानान्तरण ई.आर.पी. के माध्यम से कम्प्यूटर द्वारा रेण्डम आधार पर सुनिश्चित कराये जा रहे हैं। उनके द्वारा बताया गया कि वर्तमान पेराई सत्र 2019-20 में विभाग द्वारा घटतौली रोकने हेतु प्रदेश में गन्ना क्रय केन्द्रों के कुल 1,433 निरीक्षण किये गये। निरीक्षण में 11 गम्भीर किस्म के एवं 107 सामान्य प्रकृति की अनियमितताएं पकड़ी गयी। जिन पर प्रभावी कार्यवाही करते हुए 16 तौल लिपिकों के लाइसेंस निलम्बित कर दिये गये हैं तथा प्रकरणों में नियमानुसार विधिक कार्यवाही करायी जा रही है और 62 प्रकरणों में नोटिस जारी किये गये हैं।
श्री भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि गन्ना माफियाओं एवं चीनी मिल द्वारा की जा रही गन्ने की अवैध खरीद की सूचना मिलने पर तत्काल कार्यवाही करायी जा रही हैं, जिसके तहत फर्जी एस.एम.एस. प्रेषित कर अवैध गन्ना खरीद में लिप्त पाये जाने पर चीनी मिल बेलवाड़ा के प्रधान प्रबन्धक एवं प्रबन्धक आई.टी. के विरूद्ध आई.पी.सी. की धारा 420 एवं 120 (बी) में एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी है साथ ही अवैध गन्ना खरीद के 05 अन्य प्रकरणों में गन्ना माफियाओं के विरूद्ध आई.पी.सी. एवं उत्तर प्रदेश गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन अधिनियम, 1953) की सुसंगत धाराओं एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है।
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