अन्तर्राष्ट्रीय विश्व एकता व विश्व शांति महोत्सव ‘काॅन्फ्लुएन्स-2019’ का दूसरा दिन
लखनऊ-इन्दिरा नगर कैम्पस द्वारा आयोजित चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय विश्व एकता एवं विश्व शांति महोत्सव ‘काॅन्फ्लुएन्स-2019’ के दूसरे दिन आज नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, युगांडा एवं देश के विभिन्न प्रान्तों से पधारे प्रतिभागी छात्रों ने अपनी कलात्मकता, रचनात्मकता एवं ज्ञान-विज्ञान का ऐसा अभूतपूर्व परचम लहराया कि दर्शकों ने दांतो तले उंगली दबा ली। चाहे गीत-संगीत का मंच हो या फिर रचनात्मक सोच को प्रदर्शित करता साइन्स प्रोजेक्ट अथवा ज्ञान-विज्ञान का प्रदर्शन, हर तरफ बस एकता व शान्ति का गीत ही गुंजायमान हो रहा था। सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में चल रहे एकता व शान्ति के इस अनूठे महोत्सव में देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों ने ओपेरा हाउस (ड्रामा), वाॅरम शो (एक्सपेरीमेन्टल साइन्स डिमान्स्ट्रेशन), रिद्मिक ताल (कोरियोग्राफी), ब्रेन ए थान (क्विज) एवं कान्फ्लुएन्स (समूह प्रतियोगिता) आदि प्रतियोगिताओं के माध्यम से विभिन्नता में एकता के रंग भर कर अपनी गहरी सोच व भावनाओं का सागर उड़ेल कर रख दिया। विदित हो कि सी.एम.एस. इन्दिरा नगर कैम्पस के तत्वावधान में ‘काॅन्फ्लुएन्स-2019’ का आयोजन 4 से 7 दिसम्बर तक सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न देशों के लगभग 500 छात्र रोचक प्रतियोगिताओं के माध्यम से सारी दुनिया को एकता, शान्ति व अमन-चैन का संदेश दे रहे हैं।
‘काॅन्फ्लुएन्स-2019’ के दूसरे दिन की शुरुआत ओपेरा हाउस (ड्रामा) प्रतियोगिता से हुई। सीनियर वर्ग की इस प्रतियोगिता में 15 छात्र टीमों ने जमकर अपनी अभिनय क्षमता का प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में प्रतिभागी छात्रों को ‘एन एजूकेटेड चाइल्ड इज लाइक ए फ्री बर्ड सोरिंग हाई’ अथवा ‘चाइल्डहुड इज नाट ए रेस’ में से किसी एक विषय पर ड्रामा का प्रदर्शन करना था। ड्रामा के माध्यम से छात्रों ने यह संदेश दिया कि प्रत्येक बच्चा अद्भुद, भिन्न तथा सुन्दरता से परिपूर्ण है। अगर इन्हें स्वतन्त्रता के पंख लग जायें तो फिर ये अपने ज्ञान का प्रदर्शन कर ऊँचाइयाँ छू सकते हैं। माता-पिता तथा शिक्षकों को इन पर अच्छे नंबर लाने का दबाव नहीं बनाना चाहिए। शिक्षकों तथा माता-पिता को अपने बच्चों की भावनाओं तथा लक्ष्य को समझना चाहिए परन्तु आधुनिक युग में वे समझते हैं कि जीवन एक रेस है और उनके बच्चे को प्रथम आना ही है। ऐसी परिस्थितियों में बच्चे अपना मानसिक संतुलन एवं बचपना खोते जा रहे हैं।
जूनियर वर्ग के छात्रों के लिए आयोजित वाॅरम शो (एक्सपेरीमेन्टल साइन्स डिमान्स्ट्रेशन) प्रतियोगिता भी दर्शकों के विशेष आकर्षण का केन्द्र रही, जिसमें प्रतिभागी छात्रों ने अपने ज्ञान-विज्ञान, रचनात्मक सोच व कला-कौशल का शानदार प्रदर्शन किया। क्वालीफाइंग राउण्ड के उपरान्त 11 छात्र टीमों ने प्रतियोगिता के फाइनल राउण्ड में प्रतिभाग किया और अपने समाजोपयोगी विज्ञान माडलों का प्रदर्शन कर दर्शकों को दांतो तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया। प्रतियोगिता के फाइनल राउण्ड में छात्रों ने ‘ज्यूडिशियस यूज आॅफ वाटर’ एवं ‘वेस्ट मैनेजमेन्ट’ पर अपने ज्ञान व सामाजिक जागरूकता का प्रदर्शन किया।
अपरान्हः सत्र में आयोजित रिद्मिक ताल (कोरियोग्राफी) प्रतियोगिता सभी के आकर्षण का केन्द्र रही। इस कोरियोग्राफी प्रतियोगिता में श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, युगांडा तथा भारत की कई छात्र टीमों ने ‘द ट्रीज आर आॅवर लंग्स, द रीवर्स आॅवर सर्कुलेशन, द एअर आॅवर ब्रीथ एण्ड द अर्थ आॅवर बाॅडी’ थीम पर अपनी नृत्य कला, भाव भंगिमा व अभिनय क्षमता का जमकर प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में शब्दों एवं प्राप्स का उपयोग किए बिना 3 मिनट में म्यूजिक के साथ प्रतिभागी छात्र टीमों को नृत्य कला की प्रस्तुति देनी थी। इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से किसी ने पृथ्वी को हरा-भरा रखने का संदेश दिया तो किसी ने संपूर्ण मानवजाति को मिलजुलकर प्यार से रहने का संदेश दिया। प्रतियोगिता में प्रतिभागी छात्रों के शानदार अभिनय, वस्त्र सज्जा इत्यादि को सभी ने खूब सराहा और तालियां बजाकर छात्रांें की हौसलाअफजाई की। इसके अलावा, ब्रेन ए थान (क्विज) प्रतियोगिता का दूसरा राउण्ड भी आज सम्पन्न हुआ, जिसमें प्रतिभागी छात्रों ने 60 मिनट में 100 प्रश्नों के जवाब लिखे। प्रतियोगिता में विज्ञान, इतिहास एवं पर्यावरण से सम्बन्धित सवाल पूछे गये। इसके साथ ही, आज सायं कान्फ्लुएन्स अर्थात समूह प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें छात्रों के साथ ही टीम लीडरों ने भी भाग लिया।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी ने बताया कि ‘काॅन्फ्लुएन्स-2019’ के अन्तर्गत प्रतियोगिताओं का दौर कल 6 दिसम्बर को भी जारी रहेगा। कल आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में वल्र्ड पार्लियामेन्ट (पेपर प्रजेन्टेशन), एड स्ट्रीट (पावर प्वाइन्स प्रजेन्टेशन), एट ए ग्लांस (कोलाज मेकिंग), यूफोरिक ट्रिल्स (समूह गायन) आदि प्रमुख हैं।
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