मुख्यमंत्री ने जनपद झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल काॅलेज में सुपर स्पेशिलिटी ब्लाॅक का लोकार्पण किया
गम्भीर बीमारियों का इलाज अब सहजता से होगाऔर इलाज में कम खर्च भी आयेेगा: मुख्यमंत्री
लखनऊ:-उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल काॅलेज में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना फेस-3 के तहत सुपर स्पेशिलिटी ब्लाॅक का लोकार्पण किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्डवासियों के लिये यह एक बड़ी सुविधा है। इसके अलावा, पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के निवासियों के लिए भी यह लाभदायी है। गम्भीर बीमारियों का इलाज अब सहजता से होगा और इलाज में कम खर्च भी आयेेगा। प्रदेश में आजादी के 70 वर्षांे के बाद सिर्फ 12 मेडिकल काॅलेज थे, परन्तु राज्य सरकार प्रदेश में 23 मेडिकल काॅलेज स्थापित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड में मेडिकल टूरिज्म की अपार सम्भावनाएं मौजूद हंै। अतः इस ओर अवश्य कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इमरजेन्सी के साथ-साथ अस्पताल में आने वाले मरीजों को संवेदनशीलता से देखा जाये। डाॅक्टर और स्टाफ की सहृदयता से मरीजों को बल मिलता है। उन्होंने कहा कि डाॅक्टर और अन्य स्टाफ का मरीज के प्रति व्यवहार उनको अच्छी पहचान दिला सकता है। उन्होंने जूनियर डाॅक्टरों को मरीजांे के साथ अच्छा व्यवहार करने की सलाह दी। मरीज डाॅक्टर में भगवान का चेहरा देखता है, इस विश्वास को बनाये रखना सभी की जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड के विकास के लिये बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है। अगले माह इस एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास होगा। इसकी स्थापना से क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर प्राप्त हांेगे। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सभी को शुद्ध पेयजल आपूर्ति हेतु 09 हजार करोड़ रुपए की लागत से पाइपलाइन परियोजना का कार्य भी शीघ्र प्रारम्भ होगा। उन्हांेने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन वास्तव में स्वस्थ भारत मिशन का हिस्सा है। प्रदेश में 40 वर्षांे से दिमागी बुखार का प्रकोप है। बचाव ही इसका उपचार है। इसलिये क्षेत्र में शौचालय निर्माण के साथ-साथ स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने से इस पर काफी हद तक नियन्त्रण किया जा सकता है। जागरूकता से हम बीमारियों से बच सकते है। उन्होंने उपस्थित चिकित्सकों को सुझाव दिया कि यदि वे सप्ताह में एक दिन पीएचसी/सीएचसी में आरोग्य मेले का आयोजन करंे, तो इससे गरीबों को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कार्डिएक वैन के माध्यम से 78 हजार लोगों को जीवनदान मिला। ऐसी वैन हर जनपद को दी गयी है। आगे इनकी संख्या और बढ़ायी जाएगी।
मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डाॅ हर्षवर्धन ने कहा कि वे उत्तर प्रदेश की धरती के ऋणी हैं। उन्होंने 45 वर्ष पूर्व कानपुर मेडिकल काॅलेज से चिकित्सा शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ये सपना है कि पूरे देश में डाॅक्टरों की कमी को दूर किया जाये। उन्होंने कहा कि आज यह सपना साकार हो रहा है। वर्ष 2016 में तात्कालिक केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने इस सुपर स्पेशिलिटी ब्लाॅक का शिलान्यास किया था। आज इसका उद्घाटन हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगले 5 वर्षों में 26 मेडिकल काॅलेज बनाये जाने का लक्ष्य है। ऐसे में, जो प्रदेश सबसे पहले डी0पी0आर0 बना लेगा उसे पहले स्वीकृति मिल जायेगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने 14 मेडिकल काॅलेज की डी0पी0आर0 प्रेषित की है, जिसमें से 13 मेडिकल काॅलेज स्वीकृत भी हो गए हैं। एक और मेडिकल काॅलेज जल्द स्वीकृत हो जायेगा। इसके लिए उन्हांेने मुख्यमंत्री जी को बधाई भी दी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 6 एम्स बनाये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही एम0बी0बी0एस0 में 29 हजार सीटें बढ़ाई गयी हैं तथा पोस्ट ग्रेजुएशन में भी 17 हजार सीटांे की वृद्धि की गयी है। उन्हांेने कहा कि डाॅक्टर बनने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। अच्छा डाॅक्टर बनना एक चुनौती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक सम्पूर्ण विश्व से टी0बी0 समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, परन्तु प्रधानमंत्री जी ने देश से वर्ष 2025 तक टी0बी0 उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि ‘हेल्थ फाॅर आॅल’ का माॅडल भारत ही दुनिया को दे सकता है। उत्तर प्रदेश अब बदल चुका है, जल्द ही यह देश का मान होगा। उन्हांेने दिल्ली की घटना में मृतकों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुये उनकी आत्मा की शान्ति की कामना की।
कार्यक्रम में प्रोफेसर साधना कौशिक प्रधानाचार्य महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल काॅलेज ने अतिथियों का स्वागत करते हुये मेडिकल काॅलेज का परिचय कराया। उन्हांेने बताया कि सुपर स्पेशिलिटी ब्लाॅक प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना फेस-3 के तहत 150 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित हुआ है। इसमें प्लास्टिक सर्जरी के 36 जनरल बेड, यूरोलाॅजी के 20 जनरल बेड, न्यरो सर्जरी के 36 जनरल बेड, कार्डियोलाॅजी के 36 जनरल बेड, नेफ्रोलाॅजी के 22 जनरल बेड तथा न्यूरोलाॅजी के 36 जनरल बेड की व्यवस्था है। इसके अलावा, 06 विभिन्न सुपर स्पेशिलिटी विभागांे में 13 नवीन चिकित्सा शिक्षकों के पदांे का सृजन किया गया है। इसके साथ ही, 54 सीनियर रेजीडेण्ट के पदांे का भी सृजन हुआ है। उन्होंने कहा कि नर्सिंग संवर्ग में कुल 84 नर्सिंग पद, गैर शैक्षणिक संवर्ग के 18 पद व चतुर्थ श्रेणी के 144 पदों का सृजन भी किया गया है।
लोकार्पण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के वित्त, संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि डाॅक्टरों की कमी किसी भी दशा में लोगों को प्रभावित नहीं करेगी।
इस मौके पर आबकारी एवं मद्य निषेध मंत्री राम नरेश अग्निहोत्री, श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री मनोहर लाल मन्नू कोरी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ रजनीश दुबे तथा शासन-प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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