लखनऊ. समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी है. अब्दुल्ला आजम स्वार सीट से विधायक चुने गए थे. कोर्ट ने चुनाव के दौरान दिए गए उनके हलफनामे में उम्र को गलत पाया है. बता दें कि इस मामले में साल 2017 में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के नेता नवाब काजिम अली ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.उधर अब्दुल्ला के खिलाफ सभी दस्तावेज जुटाने में एक शख्स जिसका अहम योगदान रहा, वह हैं बीजेपी नेता आकाश सक्सेना हनी. आकाश सक्सेना हनी ने केस की पूरी कहानी बयां की. आकाश ने बताया कि अब्दुल्ला आजम के खिलाफ उन्होंने अगस्त 2017 में भारत निर्वाचन आयोग में शिकायत की थी. उसके बाद तत्कालीन डीएम रामपुर शिव सागर अवस्थी ने जांच की. जांच में उन्होंने पाया कि अब्दुल्ला आजम ने अपने नामांकन के समय कोई बर्थ प्रूफ न लगाकर पैन कार्ड लगाया. उस पैनकार्ड की जांच की गई तो वह पैनकार्ड फर्जी पाया गया. असली पैनकार्ड में उम्र 24 साल थी, वहीं नामांकन के समय जो शपथ पत्र दिया गया था, उसमें उम्र 25 साल बताई गई.
रामपुर और लखनऊ से दो जन्म प्रमाण पत्र बनाने का आरोप
आकाश सक्सेना कहते हैं कि इसके बाद उन्होंने दो जन्म प्रमाण पत्र जो आजम खान और तजीन फातमा ने रामपुर नगर पालिका और लखनऊ नगर निगम से बनवाए थे, इसकी शिकायत उन्होंने चुनाव आयोग से की. शिकायत सही पाई गई, जिसके बाद रामपुर के सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज हुआ. इसमें आजम खान, तजीन फातमा और अब्दुल्ला आजम आरोपी हैं. ये केस कोर्ट में चल रहा है.
चुनावी याचिका में चुनाव लड़ने वाला ही डाल सकता है याचिका
आकाश कहते हैं कि दो पैनकार्ड, दो जन्म प्रमाण पत्र के अलावा पासपोर्ट में भी इन्होंने गलत जानकारी दी थी. आकाश कहते हैं चूंकि कोर्ट में चुनावी याचिका जो चुनाव लड़ता है, वही डाल सकता है, लिहाजा नावेद मियां के नाम से ये याचिका चल रही थी, जिसमें सारे साक्ष्य के तौर पर मेरे द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज लगे थे.
कम से कम 20 साल तक चुनाव लड़ने पर लगे रोकआकाश ने कहा कि मैं न्यायपालिका से मांग करता हूं कि अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन रद्द करना ही सबकुछ नहीं है. अदालत को इस संबंध में कम से कम 20 साल के लिए चुनाव नहीं लड़ने देना चाहिए.
बता दें याचिका में बताया गया कि विधानसभा चुनाव दौरान अब्दुल्ला आजम ने हलफनामे में अपनी उम्र की गलत जानकारी दी थी. नवाब काजिम अली ने चुनाव अर्जी में अब्दुल्ला को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य बताते हुए उनका निर्वाचन रद्द किए जाने और रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से नए सिरे से चुनाव कराए जाने की मांग की थी.
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