सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को सुबह लगभग 8 बजे से शुरू हो जाएगा जो 10 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण 1 बजकर 36 मिनट तक खत्म हो जाएगा। 2019 के आखिरी सूर्य ग्रहण का सूतक काल बुधवार शाम 05 बजकर 32 मिनट से शुरू हो गया है। आइए जानते हैं सूतक काल में बरती जाने वाली सावधानियां
बच्चे, बुजुर्गों और रोगियों के लिए सूतक काल नहीं माना जाता है। सूतक काल के दौरान भगवान की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए। इस साल 26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण हो रहा है। ग्रहण के दिन देवी-देवताओं के दर्शन करना अशुभ माना जाता है। कई जगहों पर इस दिन मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं। चंद्र ग्रहण के कारण सूतक काल भी शुरू हो जाएगा। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना अशुभ माना जाता है।
25 दिसंबर बुधवार को सूतक काल शाम 5 बजकर 32 मिनट पर शुरू होकर 26 दिसंबर सुबह 10 बजकर 57 मिनट पर खत्म हो जाएगा। इस दौरान भूलकर भी कोई शुभ कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए, वरना इसका नुकसान झेलना पड़ सकता है।
गुरुवार 26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण सुबह 8 बजकर 17 मिनट से शुरू हो जाएगा और 10 बजकर 57 मिनट तक दिखाई होगा। कहा जाता है इस दौरान प्रेंग्नेट महिलाओं, बच्चे तथा बुजुर्गों को बाहर नहीं निकलना चाहिए।
सूतक काल के समय खाना-पीना, सोना, नाखून काटना और भोजन पकाना आदि कार्य करना अशुभ माना जाता है। इस दौरान झूठ बोलने, छल-कपट और मूत्र विसर्जन नहीं करना चाहिए। सूतक काल में बच्चे, बूढ़े तथा प्रेग्नेंट महिला भोजन कर सकती है। सूतक काल के समय अचार, मुरब्बा, दूध, दही और अन्य खाद पदार्थों में तुलसी पत्र डाल देने से वह खराब नहीं होते हैं।
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