राजस्थान के कोटा के जेके लोन सरकारी अस्पताल में मासूम बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इसके साथ ही इसपर सियासी घमासान भी लगातार तेज होता जा रहा है। भाजपा जहां कांग्रेस और गहलोत सरकार पर हमलावर है वहीं, कांग्रेस के अंदर भी सवाल उठने लगे हैं। उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार को घेरते हुए कहा है कि इस मामले में जवाबदेही तय होनी चाहिए।
शनिवार को सचिन पायलट पीड़ितों से मिलने अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पीड़ितों का हालचाल लिया और हरसंभव मदद का भरोसा दिया। सचिन पायलट ने कहा कि इस मामले में जिस तरह की बयानबाजी हुई है वह सही नहीं है। मुझे लगता है कि इस मामले में हमारी प्रतिक्रिया संवेदनशील और दयापूर्ण होनी चाहिए थी। 13 महीने सरकार चलाने के बाद इस बात का कोई मतलब नहीं है कि पुरानी सरकार की कमियों को जिम्मेदार माना जाए। इस मामले में जवाबदेही तय होनी चाहिए। बता दें कि यहां अबतक 107 मासूमों की मौत हो चुकी है। कोटा के बाद बूंदी में भी बच्चों की मौत हुई है। यहां 10 मासूम जिंदगी गंवा चुके हैं। इसी बीच कोटा मामले में गठित जांच समिति ने दो दिन पहले अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
समिति का कहना है कि अस्पताल में लगभग हर तरह के उपकरणों और व्यवस्था में बहुत सारी खामियां हैं। बच्चों की मौत का मुख्य कारण हाइपोथर्मिया बताया गया है। हालांकि सच्चाई यह है कि इससे बच्चों को बचाने के लिए जरूरी हर उपकरण खराब है।
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