30 जनवरी, 2020 को आयोजित होने वाले विश्व NTD (नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीजेज़) दिवस के प्रति मीडिया को जागरूक करने हेतु मीडिया कार्यशाला
30 जनवरी, 2020 को पहली बार मनाया जाने वाला विश्व NTD (नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीजेज़) उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप वर्ष 2020 और 2021 तक काला-अजार और हाथीपांव बीमारी के उन्मूलन में तेजी लाएगा।
लखनऊ-ग्लोबल हेल्थ स्ट्रैटेजीज (जीएचएस) द्वारा पहले विश्व एनटीडी दिवस पर लखनऊ में मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया । अब हर साल, 30 जनवरी को विश्व स्तर पर एनटीडी दिवस के रूप में मनाया जाएगा | यह एनटीडी पर वर्ष 2012 में लंदन की ऐतिहासिक घोषणा की वर्षगांठ को चिह्नित करता है, जो कि एनटीडी पर अधिक निवेश और कार्रवाई के लिए और अधिक सक्रिय रूप से कार्य करने के लिए क्षेत्रों, देशों और समुदायों के भागीदारों को एकीकृत करता है। इस मीडिया कार्यशाला में लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए NTD के बारे में विस्तृत चर्चा की गयी और भारत में NTDs के परिदृश्य पर प्रकाश डाला गया - कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधियों, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल (पीसीआई), पीएटीएच, सीफार और विभिन्न प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के वरिष्ठ पत्रकारों और संपादकों ने भाग लिया।
एनटीडी अधिकतर गरीब, कमजोर और हाशिये की आबादी को प्रभावित करता है किन्तु अन्य सामान्य लोग भी इससे अछूते नहीं है | इसमें शामिल है; लिम्फैटिक फाइलेरियासिस (LF) (हाथीपांव), विसेरल लीशमैनियासिस (VL) (काला-अजार), कुष्ठ रोग और डेंगू अन्य इत्यादि | इस बीमारी पर नियंत्रण पाए जाने के बावजूद, एनटीडी प्रभावित लोगों में पीड़ा , विकृति और विकलांगता का कारण बना हुआ है। दुनिया भर में NTDs से प्रभावित रोगियों की संख्या सबसे ज्यादा है |
मीडिया वर्कशॉप में पहले विश्व एनटीडी दिवस पर, उत्तर प्रदेश में एनटीडी का मुकाबला करने के लिए इससे सम्बंधित उपलब्धियों, सफलता की कहानियों और चुनौतियों के बारे में विस्तृत सत्र आयोजित किए गए | एनटीडी के सम्बन्ध में जन-जागरूकता फैलाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में चर्चा के दौरान श्री शरत प्रधान, वरिष्ठ पत्रकार ने मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा, "इस बीमारी को रोकने के लिए और इस कार्य को सुनिश्चित करने के लिए एनटीडी पर स्पॉटलाइट लाने का समय है कि इन मुद्दों पर ध्यान दिया जाए और इस सम्बन्ध में मिशन मोड पर कार्रवाई की जाए।" उन्होंने पत्रकारों को बीमारियों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया। एनटीडी के उन्मूलन के लिए और विश्व एनटीडी दिवस के दौरान गतिविधियों और सार्थक लेखन को बढ़ाने के लिए उनसे आग्रह किया। अपर निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश डॉ. वी. पी. सिंह ने कहा कि इस साल उत्तर प्रदेश में सरकार के प्रयासों, सहयोगियों और मीडिया के अथक सहयोग से लोगों के व्यहवार में सकारात्मक परिवर्तन हुआ है और यही कारण है कि 19 जनपदों में संपन्न होने वाले एमडीए राउंड के अंतर्गत 11 जनपदों में होने वाले आईडीए राउंड में 65% से 70% तक लोगों ने दवाईयां खाई हैं | एमडीए का अगला राउंड बचे हुए 31 जनपदों 17 फरवरी 2020 से शुरू हो रहा है जो 29 फरवरी, 2020 तक चलेगा |
उन्होनों यह भी बताया कि “उत्तर प्रदेश सरकार 2030 तक भारत से NTDs को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्तर प्रदेश नए ट्रिपल-ड्रग रेजिमेंट या आईडीए को सफलतापूर्वक स्केल-अप करने वाला पहला राज्य है”।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ. तनुज शर्मा ने उत्तर प्रदेश में फ़ाइलेरिया, लेप्रोसी और वीएल बीमारी की उपलब्धियों, प्रगति और चुनौतियों के बारे में अवगत कराया | उन्होनों बताया कि प्रदेश सरकार इस कार्यक्रम का गहन अनुश्रवण कर रही है और इस सम्बन्ध में सार्थक प्रयास हो रहें हैं |
प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल के ध्रुव सिंह ने इस बारे में जागरूकता फैलाने में ग्राम प्रधान और विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया | मीडिया वर्कशॉप में एक फोटो-स्टोरी प्रदर्शनी भी दिखाई गई, जिसमें स्कूली छात्रों द्वारा कैप्चर किए गए फोटो-स्टोरी / चित्र दिखाए गए थे। प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक श्री ध्रुव सिंह ने लोगों को जागरूक करने में कार्य करने वाले कुछ ऐसे बच्चों से भी मिलवाया जिन्होंने इन बीमारियों से ग्रस्त लोगों से मिलकर उनके दर्द को अपने फोटो में चित्रित किया | ऐसे बच्चो का प्रोत्साहन भी किया गया |
केजीएमयू के डॉ. सौरभ पाण्डेय ने कहा कि इन्हें नेग्लेक्टेड बीमारियाँ इसी लिए कहा जाता है क्योंकि बहुत समय से ये वास्तव में उपेक्षित हैं और इसके प्रति हम सबकी गंभीरता कम है | लोगों को इस बीमारी के परिणामो के बारे में आवश्यक जानकारी नहीं है |
ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज के अनुज घोष ने कहा कि मीडिया इस तरह के गंभीर मुद्दों को हमेशा मुखर रूप से लोगों तक पहुचाता रहा है और पूरी आशा है कि एक बार फिर आप लोगों के प्रयासों द्वारा समुदाय तक इसके प्रति लोगो तक सन्देश जायेंगे और यह अभियान जन आन्दोलन के रूप में कार्य करेगा |
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