देश के कई गांव-शहरों में छोले-भटूरे और छोले-चावल लोगों की पसंद बन चुका है। यह छोला काबुली चना से बनता है, जिसे सफेद या गुलाबी चना भी कहा जाता है। प्रोटीन का बढ़िया स्रोत काबुली चना न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि सेहत के लिए काफी फायदेमंद भी होता है। अन्य दलहनों की तुलना में इसमें ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है काबुली चना को फाइबर का बड़ा स्रोत माना जाता है। यह हमारी भूख नियंत्रित करता है। इसे खाने के काफी समय बाद भी आपका एनर्जी लेवल हाई रहता है, जिससे आपको वजन घटाने में काफी मदद मिलती है। किडनी के लिए फायदेमंद-काबुली चने में लगभग 28 फीसदी फास्फोरस होता है, जोकि शरीर में नई कोशिकाएं बनाने में सहायक होते हैं। यह हिमोग्लोबीन की मात्रा बढ़ाकर किडनी में मौजूद विषाक्त पदार्थों को साफ करता है। किडनी की सेहत के लिए इस चने का सेवन बहुत लाभकारी होता है।
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