भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को सभी वित्तीय संस्थाओं को कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप और उसके बाद सरकार द्वारा लिए गए लॉकडाउन के फैसले को देखते हुए सभी ऋणों के लिए तीन महीने की मोहलत देने की अनुमति दे दी है। आरबीआई के इस निर्णय के बाद बैंक सभी ग्राहकों को तीन महीने की अवधि के लिए अपनी मासिक ईएमआई का भुगतान नहीं करने की अनुमति दे सकते हैं और इससे उनके क्रेडिट स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं पहुंचेगा।
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि उसने रेपो दर में 0.75 प्रतिशत कटौती का पूरा लाभ अपने ग्राहकों को पहुंचाने का फैसला किया है। नई ब्याज दर एक अप्रैल 2020 से प्रभावी होगी। साथ ही रिजर्व बैंक द्वारा ऋणधारकों के लिए राहत की घोषणा का पालन एसबीआई भी करेगी। सभी टर्म लोन पर 3 महीने का मोरोटोरियंम होगा।
एसबीआई ने कहा है कि उसकी नई घटी दर बाहरी मानक दर से जुड़ी कर्ज दर (ईबीआर) और रेपो दर से जुड़ी कर्ज दर (आरएलएलआर) के तहत कर्ज लेने वाले ग्राहकों पर लागू होगी। बाहरी मानक दर से जुड़ी कर्ज दर को 7.80 प्रतिशत से घटाकर 7.05 प्रतिशत वार्षिक कर दिया गया है जबकि आरएलएलआर को 7.40 प्रतिशत से घटाकर 6.65 प्रतिशत पर ला दिया गया है। एसबीआई ने यह भी कहा है कि ईबीआर और आरएलएलआर से जुड़े 30 साल के कर्ज पर दर घटने के बाद समान मासिक किस्त (ईएमआर) में प्रत्येक एक लाख रुपये पर 52 रुपये की कमी आयेगी।
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