लखनऊः-उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के प्रमुख सचिव डा0 नवनीत सहगल ने बताया कि श्रमिकों के वेतन आदि भुगतान के संबंध में अद्यतन प्रदेश के प्रमुख 67 जनपदों की 15505 औद्योगिक इकाइयों से सम्पर्क किया गया, जिनमें से करीब 13034 इकाइयों द्वारा श्रमिकों को वेतन भुगतान किया जा चुका है। शेष 2471 इकाइयों द्वारा अवगत कराया गया कि शीघ्र ही कर्मियों के वेतन भुगतान कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि कि शासनादेश के अनुसार सभी जनपदों में एमएसएमई विभाग द्वारा कार्मिकों/श्रमिकों के वेतन भुगतान हेतु पास जारी करते हुए भुगतान की कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेश में स्थापित 228 फ्लोर मिल/आटा चक्की क्रियाशील हो चुकी हैं। 28 मिलें गेहॅं के अभाव में पूरी क्षमता से कार्य नहीं कर पा रही है, इस संबंध में खाद्य आयुक्त को आवश्यक कार्यवाही हेतु अवगत करा दिया गया है। इसके साथ ही बंद इकाइयों को जल्द से जल्द चालू कराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 50 तेल मिल इकाइयों का संचालन हो चुका है। कुछ मिल कच्चा माल आदि के कारण बंद हैं, उनको यथाशीघ्र चालू कराये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में 25 दाल मिले भी क्रियाशील हो चुकी है।
डा0 सहगल ने बताया कि प्रदेश में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट्स, मास्क एवं सेनिटाईजर बनाने वाली इकाइयों से सम्पर्क किया गया। पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट्स तथा मास्क बनाने वाली 33 यूनिटें क्रियाशील है, शेष इकाइयों शीघ्र ही प्रोडेक्शन शुरू हो जायेगा। इसी प्रकार सेनिटाईजर बनाने वाली 59 इकाइयां क्रियाशील हो चुकी, अन्य को चालू कराने की कार्यवाही तीव्र गति से चल रही है।
प्रमुख सचिव ने बताया आवश्यक वस्तुएं बनाने वाली इकाइयों की सुविधा के लिए स्थापित कण्ट्रोल रूम में 122 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमं से 16 प्रकरण श्रम विभाग, 36 प्रकरण एमएसएमई तथा शेष 70 मामले स्थानीय लाॅजिस्टिक, पास एवं स्वास्थ्य से संबंधित थे। उन्होंने बताया कि एम0एस0एम0ई तथा श्रम विभाग से संबंधित समस्त प्रकरणों का निस्तारण कराया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने लाॅक डाउन के दौरान श्रमिकों तथा अन्य गरीबों केे समय से भरण-पोषण एवं भत्ते आदि का वितरण सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से आवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। इसमें प्रमुख सचिव, औद्योगिक विकास आलोक कुमार तथा प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन सुरेश चन्द्रा सदस्य हैं, जबकि प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल विशेष आमंत्री सदस्य के रूप में शामिल हैं। यह समिति द्वारा प्रदेश की औद्योगिक व व्यावसायिक इकाइयों में काम करने वाले नियमित, दैनिक वेतन तथा संविदा कर्मियों को बंदी के दौरान पूर्ण वेतन/मानदेय के संबंध में नियमित मानीटरिंग की जा रही है।
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