लखनऊ-पिछले कई महीनों से कोरोना महामारी देश में फैली हुई है। उप्र भी भयंकर रूप में आतंकित है। शासन के प्रयासों के बावजूद भी स्थिति ऐसी बन गई है कि जितना यथाशक्ति प्रयास कर सकते हैं हम सहायता कर रहे हैं। इस समय हम ये नहीं समझते कि किसी प्रकार की राजनीति या स्थिति की अवहेलना की जाए
उप्र के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यः-
1. उप्र के 4 जिले देश में कोरोना के मरीजों की सर्वाधिक मृत्युदर वाले 15 जिलों में शामिल हैं। झाँसी, मेरठ, आगरा और एटा।
2. उप्र की आबादी को देखते हुए, प्रति 10 लाख व्यक्तियों पर होने वाले टेस्ट की संख्या देखें तो उप्र अपने से छोटे कई राज्यों की तुलना में कम टेस्ट कर रहा है।
3. उप्र में कोरोना संक्रमण के दोगुना होने की गति 18.14 दिवस है। यह देश में कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित पाँच राज्यों में से तीसरे नं पर है।
4. देश में कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में उप्र 5वें स्थान पर है।
हमने जब आगरा में पूछताछ की तब ये पता चला कि अब तक आगरा में 1150 लोग कोरोना पॉजीटिव निकले और उनमें से 84 लोगों की मृत्यु हो गई। इन मृतकों में 28 लोगों का निधन अस्पताल में भर्ती होने के 48 घंटों में ही हो गया।
हम यही बताना चाहते हैं कि इस महामारी से लड़ने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास ही नहीं बल्कि जो भी आवश्यक निदान हैं और जो भी व्यवस्थाएं हैं उन पर अवश्य दृष्टि रखना चाहिए।
यदि कोई जिलाधिकारी यह समझता है कि हम गलत कहना चाह रहे हैं या हम किसी की भावना को अन्य दृष्टि में ले जाना चाह रहे हैं तो उस जिलाधिकारी की समझ और सामर्थ्य ठीक नहीं है।
हम इतना ही कहना चाहेंगे कि जिलाधिकारी आगरा को प्रियंका गांधी जी के ट्वीट से मतलब न होकर जो आगरा में पीड़ित लोग हैं उनकी चिकित्सा पर पूर्ण विचार और कार्य करना चाहिए। यदि कांग्रेस कार्यकर्ताओं से किसी भी तरह की मदद चाहिए तो हम तत्पर हैं।
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