समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने अब तक मजदूरों के दर्द को इवेन्ट बनाने और विकास का काम तमाम करने का ही काम किया है। राजधानी में जो विश्वस्तरीय निर्माण होने थे उनमें भी बाधा डाली जा रही है। राजनीतिक बदले की भावना के तहत भाजपा सरकार समाजवादी सरकार के कामों पर पर्दा डालने की साजिश करती आई है। भाजपा की राज्य सरकार का सत्ता में चैथा वर्ष चल रहा हैं, इस अवधि में वह जनहित की एक भी योजना सामने नहीं ला सकी है। जनता को केवल बहकाने का काम सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है।
गोण्डा, बस्ती, गोरखपुर, बहराइच, संतकबीरनगर, एवं जालौन के मजदूर बता रहे हैं कि उन्हें रोजगार नहीं मिला है। सरकार ने सिर्फ कागजों पर ही रोजगार दिया है। मजदूरों की मुसीबतों को भाजपा सरकार अपने राजनीतिक हित साधन में प्रयोग कर रही है। मनरेगा में जनता को नाम मात्र के अस्थायी रोजगार का दिलासा देने की जगह भाजपा बताये कि तथाकथित इन्वेस्टमेन्ट मीट्स और डिफेंस एक्सपो के बाद हुए कितने करार सच में बैंकों के सहयोग से जमीन पर उतरे हैं और उनसे कितनों को रोजगार मिला है?
जनता को समर्पित और समाजवादी सरकार द्वारा निर्मित विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस देश का अत्याधुनिक सेन्टर लखनऊ का जेपी सेन्टर भाजपा की कुदृष्टि का शिकार है। 812 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन बेजोड़ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मुख्यमंत्री जी ने 130 करोड़ रूपए न देकर खण्डहर बना दिया है। भाजपा का काम राजनीतिक द्वेषवश समाजवादी सरकार के अच्छे कामों को बिगाड़ना है। क्योंकि वह खुद तो जनहित में कोई उल्लेखनीय योजना या स्तरीय भवन नहीं बना सकी है।
भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियां किसानों के लिए काल बन गई है। उत्तर प्रदेश भर में गेहूं खरीद के लटके बकाये से किसान बेहाल हैं, झांसी मण्डल में 89 करोड़ रूपये का बकाया है। मंहगे डीजल से बढ़ी परेशानी, बिगड़ा किसानी का बजट। घरेलू उपयोग की चीजों पर भी असर, परिवहन की मंहगाई मुसीबत बनेगी।
मक्का की फसल बर्बाद हो गयी। गन्ना का 17000 करोड़ बकाया का भुगतान नहीं मिला। फल-सब्जी खेतों में सड़ गयी। चार माह में आंधी-तूफान, ओलावृष्टि और बिजली गिरने से सैकड़ों किसानों की दुखद मौत पर भी भाजपा सरकार ने पर्याप्त मुआवजा नहीं दिया।
जनता की बदहाली पर अर्थव्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर, नौजवानों में बढ़ती हताशा पर केन्द्र-राज्य की भाजपा सरकारें ध्यान देने के बजाय अव्यवहारिक और अवास्तविक अभियान चलाकर अपनी विफलता को छुपाना चाहती है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बस एक दूसरे की प्रशंसा कर के खुश हो रहे है। उनके अच्छे दिन चल रहे हैं जबकि जनता दुःखी, हताश एवं निराश है।
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