कानपुर के चर्चित संजीत अपहरण एवं हत्याकांड की जांच उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबीआई से कराने का फैसला किया है। अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने यह जानकारी दी। उन्हाेंने बताया कि संजीत के परिवार ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने ये फैसला लिया है। अपनी पांच मांगों को लेकर संजीत का परिवार धरने पर बैठ गया था। जानकारी पर पहुंचे अफसरों और नेताओं ने सरकार द्वारा सीबीआइ जांच की सिफारिश किए जाने की जानकारी दी, इसके बाद उन्हाेंने धरना समाप्त किया। बता दें कि अभी तक संजीत का शव भी बरामद नहीं हुआ है। संजीत के शव की तलाश पिछले 12 दिनों से की जा रही है।
कानपुर के बर्रा से 22 जून को लैब टेक्नीशियन संजीत यादव (28) का अपहरण फिरौती के लिए उसके दोस्त ने साथियों के साथ मिलकर किया था। 26 जून को उसकी हत्या कर लाश पांडु नदी में फेंक दी थी। इसके बाद पुलिस को चकमा देकर 13 जुलाई को 30 लाख की फिरौती भी वसूल ली थी। पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दोस्त कुलदीप, रामबाबू समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बताया कि कुलदीप संजीत के साथ सैंपल कलेक्शन का काम करता था। उसने रतनलाल नगर में किराये पर कमरा ले रखा था। 22 जून की रात शराब पिलाने के बहाने वह संजीत को अपने कमरे में लाया था।
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