मुंबई की तुलना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर pok से करना कंगना रनौत को मंहगा पड़ता दिख रहा है। BMC ने बांद्रा वेस्ट के पाली हिल रोड पर स्थित कंगना रनौत के दफ्तर के कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त करना शुरू कर दिया है। उनके दफ्तर को तोड़ने के लिए जेसीबी और हथौड़े के साथ बीएमसी की टीम पहुंच चुकी है। कंगना ने कुछ तस्वीरें साझा कर दावा किया है कि उनके ऑफिस पर हथौड़ा-बुलडोजर लेकर बीएमसी के लोग पहुंचे हैं। कंगना के दफ्तर पर बीएमसी की जेसीबी चल रही है, उनके दफ्तर को तोड़ा जा रहा है। बता दें कि बीएमसी ने जवाब देने के लिए कंगना को 24 घंटे का समय दिया था।
बीएमसी की टीम अभिनेत्री के घर के भीतर है। कंगना के दफ्तर के बाहर से जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, उसमें बड़ी संख्या में बीएमसी के कर्मचारी और पुलिस वाले दिख रहे हैं। साथ ही बीएमसी की टीम दफ्तर पर जेसीबी चला रही है।
इस बीच कंगना रनौत ने बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अपने दफ्तर पर बीएमसी की कार्रवााई के खिलाफ कंगना के वकील ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिस पर 12.30 बजे सुनवाई होगी।इससे पहले बीएमसी ने कंगना के पाली हिल वाले ऑफिस को लेकर नोटिस जारी कर कहा कि ऑफिस के निर्माण में करीब 8-10 उल्लंघन किए गए हैं। बीएमसी इस बारे में 24 घंटे के अंदर उनसे जवाब चाहती है। अगर एक्ट्रेस जवाब नहीं देती हैं तो ऑफिस के उन हिस्सों पर बुलडोजर चलाया जाएगा।
कंगना ने अपने ट्विटर अकाउंट पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं, जिनमें उनके मुताबिक पुलिस और बीएमसी के लोग हथौड़ा और बुलडोजर के साथ दिख रहे हैं। इन तस्वीरों के साथ कंगना ने लिखा- बाबर और उसकी सेना। इसके साथ हैशटैग लगाया. उन्होंने एक और ट्वीट किया और फोटो के साथ पाकिस्तान शब्द का इस्तेमाल किया। उन्होंने लिखा, -मैं कभी गलत नहीं हूं और मेरे दुश्मन बार-बार साबित कर देते हैं। यही कारण है कि मेरा मुंबई अब पीओके है। दफ्तर तोड़े जाने को लेकर कंगना ने ट्वीट कर कहा, 'मणिकर्णिका फिल्म्ज में पहली फिल्म अयोध्या की घोषणा हुई, यह मेरे लिए एक इमारत नहीं राम मंदिर ही है, आज वहां बाबर आया है, आज इतिहास फिर खुद को दोहराएगा राम मंदिर फिर टूटेगा मगर याद रख बाबर यह मंदिर फिर बनेगा यह मंदिर फिर बनेगा, जय श्री राम , जय श्री राम , जय श्री राम। 'कंगना रनौत का यह ऑफिस (मणिकर्णिका फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड) ग्राउंड फ्लोर के साथ दो फ्लोर ऊपर तक बना है। जब बीएमसी ने ऑफिस के निर्माण का ढांचा देखा तो पाया कि यह 1970 के रिकॉर्ड में शामिल है। बीएमसी का आरोप है कि ऑफिस के निर्माण के दौरान कई उल्लंघन किए गए हैं। कई जगहों को गलत तरीके से बढ़ाया गया है।
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