जल उपभोक्ता समितियांे के सशक्तीकरण हेतु पहली बार 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था
लखनऊ:-नहर कमाण्ड में जल उपयोग क्षमता बढाने के लिए उ0प्र0 सहभागी सिंचाई प्रबन्धन अधिनियम-2009 के अन्तर्गत सिंचाई प्रबन्धन में किसानों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए रामगंगा संगठन के 12 जनपदों-फर्रूखाबाद, कौशाम्बी, कासगंज, कानपुर, कन्नौज, औरैया, कानपुर देहात, फतेहपुर, एटा, मैनपुरी, इटावा एवं फिरोजाबाद में 914 तथा बेतवा संगठन के जनपद ललितपुर में 45 माइनर एवं राजवाहा स्तरीय जल उपभोक्ता समितियों की पहली बार स्थपना की गयी है। शारदा सहायक संगठन के 06 जनपदों- बाराबंकी, अमेठी, जौनपुर, राय बरेली, सुल्तानपुर तथा प्रतापगढ में 626 अल्पिका एवं राजवाहा स्तरीय जल उपभोक्ता समितियों की पुनस्र्थापना भी की गयी है।
सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार इन 19 जनपदों में निर्वाचित 1585 जल उपभोक्ता समितियों को सम्बन्धित अल्पिकाओं एवं राजवाहों का सिंचाई प्रबन्धन हैण्ड-ओवर कर दिया गया है। इन जल उपभोक्ता समितियों के साथ संयुक्त रूप से सिंचाई व्यवस्था का संचालन सफलतापूर्वक करके किसानों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।
राज्य सरकार की मंशा है कि लगभग 8500 अल्पिका स्तरीय तथा लगभग 1500 राजवाहा स्तरीय जल उपभोक्ता समितियों की स्थापना जल्दी से जल्दी कर दी जाये। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा पहली बार बजट में 07 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है। इसी प्रकार स्थापित 1585 जल उपभोक्ता समितियों के संचालन एवं सशक्तीकरण हेतु 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था पहली बार की गयी है।
इसके अतिरिक्त सहभागी सिंचाई प्रबन्धन में राज्य सरकार रूचि ले रही है तथा इस व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए समय-समय पर आवश्यक शासनादेश भी जारी किये जा रहे हैं। राज्य सरकार किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी की व्यवस्था करके अधिक फसलोत्पादन के माध्यम से किसानों में खुशहाली लाने के लिए कटिबद्ध है।
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