चित्रकूट के एक गांव के में रहने वाली दलित किशोरी के साथ गाॅव के कुछ लोगो ने गैंगरेप किया। गैगरेप के बाद किशोरी ने क्षुब्ध होकर मंगलवार की सुबह फांसी लगा ली। इस मामले मे पुलिस का रवैया बहुत ही निराशाजनक रहा जिससे क्षुब्ध होकर पीडिता ने जान दे दी।
पीड़िता की मां के अनुसार 8 अक्चूबर को गांव का लड़का किशन उपाध्याय बेटी को फुसलाकर ले गया था। गांव के बार ले जाकर किशन और उसके दो साथियों ने बेटी के हाथ बांध कर दुष्कर्म किया।
खेत से लौटने पर बेटी घर पर नहीं मिली तो आसपास खोजा, वह एक नर्सरी में मिली जहां हाथ-पैर बंधे थे।
आरोप है कि चैकी पुलिस को सूचना दी गई लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया। जिससे क्षुब्ध होकर दलित किशोरी ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
इस मामले मे राजनीतिक दल के लोगो द्वारा बुधवार सुबह गाॅव पहुंचने से गहमागहमी बढ़ गई। परिवार ने भी पुलिस पर पूरा दोष मढ़ आरोपितों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग उठा दी। तनाव बढ़ने पर पुलिस ने गांव जाने वाले सारे रास्ते बंद कर दिए और लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी। वहीं, इस मामले में इंपेक्टर कर्वी जयशंकर प्रसाद और सरैंया चैकी प्रभारी अनिल साहू को लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया।
पुलिस ने किशोरी का पोस्टमार्टम कराया और किशन उपाध्याय को नामजद करते हुए तीन युवकों के खिलाफ रेप व हत्या की रिपोर्ट दर्ज की।
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