निर्धारित मानकों के आधार पर जल उपभोक्ता समितियों की क्रियाशीलता के आंकलन हेतु मूल्यांकन/वर्गीकरण का प्रकाशन 01 दिसम्बर 2020 तक करते हुए अन्तिम प्रकाशन 30 दिसम्बर सुनिश्चित करें
लखनऊ:-मुख्य अभियन्ता पैक्ट मो0 वारिस रफी ने मुख्य अभियन्ता (रामगंगा) सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग कानपुर तथा मुख्य अभियन्ता (शारदा सहायक) सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग लखनऊ से अनुरोध किया है कि 23 अप्रैल, 2020 को जारी शासनादेश में निर्धारित मानकों के आधार पर जल उपभोक्ता समितियों की क्रियाशीलता के आंकलन हेतु मूल्यांकन/वर्गीकरण के प्रकाशन का कार्य 01 दिसम्बर 2020 तक करते हुए अन्तिम प्रकाशन 30 दिसम्बर 2020 तक करना सुनिश्चित करें।
मुख्य अभियन्ता ने पत्र में कहा है कि प्रमुख अभियन्ता परियोजना द्वारा पूर्व में भी 22 सितम्बर 2020 को जल उपभोक्ता समितियों की क्रियाशीलता के आंकलन हेतु 10 बिन्दुओं का आॅनलाइन टेम्पलेट तैयार करते हुए माह अक्टूबर 2020 तक लक्ष्य निर्धारित करते हुए उसके सापेक्ष प्रगति को माह में दो बार अपडेट करने को कहा था।
सिंचाई प्रबंधन अधिनियम 2009 के अधीन गठित जल उपभोक्ता समितियों से सिविल कार्य कराया जाना है। इसके तहत नहर चलने के दौरान कटान की मरम्मत तथा अवरोधों को हटाना व अनाधिकृत कुलाबों को हटाने के साथ गेट मरम्मत से संबंधित कार्य एवं विकासशील सक्षमता स्तर के तहत सिल्ट सफाई एवं जंगली घास को हटाना आदि एवं विकसित सक्षमता स्तर के तहत पुनस्र्थापना कार्य, पक्के कार्यों की मरम्मत तथा कमाण्ड क्षेत्र के विकास एवं मरम्मत संबंधी कार्य कराये जाने का प्राविधान हैं। उल्लेखनीय है कि 1585 जल उपभोक्ता समितियों को अल्पिकाओं, राजबाहों को प्रबंधन कार्य सौंपा गया है।
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