-अंकुर कम्पनी के लिये अधिकारियो ने खेला खेल,टेन्डर के नियमो का नही कराया पालन,वर्ष 2016 से लेकर वर्ष 2018 तक दिया गया इस धोटाले को अन्जाम
-अंकुर को फायदा पहुचाने के लिये टेक्निकल कमेटी के मेम्बर की बात को किया गया अनदेखा
- डबल फोर्टिफाइड साल्ट की जगह 100 करोड का साधारण नमक खिलाकर अधिकारी और अंकुर कम्पनी हुये मालामाल
लखनऊ- उत्तर प्रदेश मे योगी सरकार ने टेण्डर के नियम कितने कठिन क्यो न बनाये हो अधिकारी हर उस कठिन नियम को तोडने का हथियार अपने पास रखे हुये है। इसी हथियार के चलते खाध एंव रसद विभाग के अधिकारियो ने प्रदेश मे डबल फोर्टिफाइड साल्ट की जगह 100 करोड का साधारण नमक 47 करोड एनीमिया पीडित लोगो को सप्लाई करवाकर धोटाला करवा दिया।
ज्ञात हो कि नवम्बर 2016 मे प्रदेश के 47 लाख एनीमिया पीडित लोगो के लिये अंकूर केम फूड को डबल फोर्टिफाइड साल्ट सप्लाई करने का जिम्मा 10 जिले सिद्धार्थनगर सन्तकबीरनगर फैजाबाद मऊ मेरठ फॅरूखाबाद मुरादाबाद हमीपुर इटावा और औरेया मे दिया गया था।
क्या है डबल फोर्टिफाइड साल्ट DFS- डबल फोर्टिफाइड आशय गजट नोटिफिकेशन एफ0 न0 पी0 15025/262ध्2013.पीए/एफएसएसएआई दिंनाक 5 दिसम्बर 2014 और समय समय पर संशोधित और बी0आई0एस0/12981/1991एंवस्टैण्डर्डआईएस16232:2014,1 जुलाई 2015 को संशोधित के अनुसार भारतीय खाध सुरक्षा एंव मानक प्राधिकरण (स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालयद्)द्वारा निर्धारित न्यूनतम् उत्पाद मानक की पुष्टि करते हुये आयरन एंव आयोडीनयुक्त खाध नमक से है।
यानि वह कम्पनी जो {स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय} द्वारा निर्धारित उत्पाद मानक बीआईएस 16232:2014 का लाइसेन्स लेकर नमक का उत्पादन करती है। यानि जिसके पास बीआईएस 16232:2014 का लाइसेन्स नही है वह कम्पनी डबल फोर्टिफाइड साल्ट उत्पादन नही करती है।
ज्ञात हो कि 2016 मे प्रदेश के 10 जनपदो के 47 लाख एनीमिया पीडित लोगो के लिये डबल फोर्टिफाइड नमक के वितरण के लिये खाद्य एवं रसद विभाग के आलाधिकारियो ने सरकार के कहने पर एक पाइलेट प्रोजेक्ट बनाया। निविदा के नियमो के अनुसार वही कम्पनी इस निविदा मे भाग ले सकती थी जिसके पास नमक आयुक्त जयपुर का प्रमाण पत्र और बीआईएस 16232:2014 का लाइसेन्स होगा। इसके साथ ही उस कम्पनी के पास हैवी मेटल जाचने की मशीन या लैब होगा। निविदा की यह शर्ते अनिवार्य थी।
मगर अंकुर केम फूड के पास न तो नमक आयुक्त जयपुर का प्रमाण पत्र था न बीआईएस 16232:2014 का प्रमाण पत्र था और न ही उसके पास हैवी मेटल जाचने की मशीन या लैब थी।
टेक्निकल कमेटी की मेम्बर सुश्री प्रीती उपाध्याय ने किया खुलासा-
अंकुर केम फूड के पास डबल फोर्टिफाइड साल्ट निविदा मे भाग लेने के लिये न्यूनतम योग्यता नही है इस बात की पोल तब खुली जब डबल फोर्टिफाइड नमक निविदा के लिये खाध एंव रसद विभाग द्वारा बनाये गये टेक्निकल कमेटी की एक मेम्बर प्रीती उपाध्याय ने कमेटी के सामने अपनी रिर्पोट पेश की। कमेटी मे अपनी रिर्पोट प्रस्तुत करते हुये सुश्री प्रीति उपाध्याय ने सख्त टिप्पणी लिखी और कहा कि अंकुर केम फूड के पास न तो बीआईएस 16232:2014 का लाइसेन्स है और न ही उसके पास हैवी मेटल जाचने की मशीन है एैसे मे अंकुर केम फूड को निविदा से बाहर किया जाये। अपने सख्त टिप्पणी मे सुश्री प्रीती उपाध्याय ने यह भी लिखा कि टेन्डर के नियम 9:6 के अनुसार निविदा मे भाग लेने वाली कम्पनी के पास अन्य प्रदेशो मे अन्य नमक के सप्लाई करने का 5 साल का अनुभव होना चाहिये। जबकि अंकुर के पास सिर्फ 4 साल का अनुभव है।
अंकुर कम्पनी के लिये खाध एंव रसद विभाग तथा कर्मचारी कल्याण निगम के आलाअधिकारियो ने आख पर बाधी पटटी-
एक बार निविदा प्रकाशित होने के बाद उसमे किसी प्रकार के शब्दो का छेडछाड या निविदा के नियमो मे कोई शिथिलता कोई अधिकारी नही दे सकता। निविदा के नियमो मे अगर कोई हेर फेर कोई शिथिलता देने की जरूरत समझी जा रही हो तो उपरोक्त टेन्डर जो पहले प्रकाशित हो चुका है उसे पहले रदद करना होगा और नये सिरे से नये नियम कानून के साथ दूसरा टेन्डर प्रकाशित करने का नियम है।
खाध एंव रसद विभाग तथा कर्मचारी कल्याण निगम के आलाअधिकारियो द्वारा यह जानते हुये कि डबल फोर्टिफाइड साल्ट निविदा मे वही कम्पनी भाग ले सकती है जिसके पास नमक आयुक्त जयपुर का प्रमाण पत्र हो बीआईएस 16232:2014 का प्रमाण पत्र हो और साथ ही उसके पास नमक के हैवी मेटल जाचने की मशीन हो। बाऊजूद अंकुर केम फूड को बिना मानक सारे नियम कानून को धत्ता बताते हुये 72 करोड के डबल फोर्टिफाइड साल्ट का ठेका पहली बार 2016 मे दे दिया गया। (बिना मानक यही ठेका 2018 मे भी अंकुर को दिया गया उसकी खबर अगले अंक मे मिलेगी।)
जबकि अधिकारियो को यह पता था कि अंकुर कम्पनी के पास न तो नमक आयुक्त जयपुर का प्रमाण पत्र है न बीआईएस 16232:2014 का प्रमाण पत्र है और न ही उसके पास हैवी मेटल जाचने की मशीन है और न 5 साल का अनुभव है।
इसके बाउजूद खाध एंव रसद विभाग के आलाअधिकारियो तथा कर्मचारी कल्याण निगम के तत्कालीन ईडी ने आनन फानन मे निविदा मे भाग लेने वाली अन्य कम्पनियो को बाहर का रास्ता दिखाते हुये कई कागजो के कम होने के बाऊजूद अंकुर केम फूड को लगभग 72 करोड के डबल फोर्टिफाइड साल्ट का ठेका देते हुये 21 नवम्बर 2016 को अनुबन्ध तक कर लिया। यह काम इतनी जल्दी हुआ कि अन्य कम्पनियो को पता ही नही चल पाया कि वह इसका विरोध कर पाती।
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