केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 50वें दिन भी जारी है और कानूनों को लेकर गतिरोध अब भी बरकरार है। किसानों का कहना है कि उन्हें तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान जहां इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं।
इस बीच गाजीपुर बॉर्डर पर डटे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि खालिस्तान और पाकिस्तान की मांग करने वाले यहां से चले जाएं। कल सरकार से फिर वार्ता होगी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी में कौन लोग हैं। इस कमेटी में किसान नहीं हैं।
टिकैत ने कहा कि आंदोलन सरकार करवा रही है, किसान नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि फंडिंग पर सवाल उठ रहा है, लेकिन ये क्यों हो रहा है, गांव से खाना और राशन आ रहा है। इसमें फंडिंग की बात कहां से आई। आंदोलन कब तक चलेगा इसका जवाब 50 दिन में नहीं मिलेगा। अभी तो एक फसली भी पूरा नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि सरकार कानून वापस ले ले, स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू कर दे। हम यहां से चले जाएंगे। दवा का कानून आना बाकी है, इसलिए आंदोलन पता नहीं कब तक चलेगा। आंदोलन शांतिपूर्ण ही चलना है, जिन्हें पत्थर फेंकने हैं वो यहां से चले जाएं। यह शांतिपूर्ण आंदोलन है।
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