लखनऊः-पशुपालन विभाग, उ0प्र0 द्वारा घोड़ों, गधों एवं खच्चरों में होने वाली ग्लैण्डर्स बीमारी की रोकथाम हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन आज यहां बादशाहबाग स्थित पशुपालन निदेशालय के आॅडीटोरियम में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश के अश्व प्रजाति (घोड़े, गधे एवं खच्चर) की स्वास्थ्य रक्षा के लिए किए जा रहे कार्यों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
भारत सरकार के पशुपालन आयुक्त, डा0 प्रवीण मलिक, द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम में आॅनलाईन प्रतिभाग किया गया। आयुक्त महोदय द्वारा निर्देश दिया कि दर्द रहित मृत्यु प्रदान किये गये पशुओं के मालिकों का मुआवजा राशि बढ़ाने हेतु उचित प्रस्ताव प्रदेश सरकार की ओर से प्रेषित किया जाय । उन्होंने कहा कि ग्लैण्डर्स बीमारी की महत्ता इससे और बढ़ जाती है क्योंकि यह बीमारी पशुओं से मनुष्यों को भी हो सकती है। इस प्रकार, ग्लैण्डर्स रोग के सर्वेक्षण से जहाँ एक ओर पशुओं को बचाया जाता है, वहीं दूसरी ओर जनमानस को भी सुरक्षित रखने का प्रयास किया जाता है। ग्लैण्डर्स/फार्सी सर्विलियेन्स योजना के संचालन के लिये भारत सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से वित्त पोषण किया जा रहा है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ डा0 संतोष कुमार मलिक, निदेशक, प्रशासन एवं विकास एवं डा0 रामपाल सिंह, निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र द्वारा किया गया। उन्होंने निर्देश दिया कि सीरम सैम्पिल की गुणवत्ता पर अवश्य ध्यान रखा जाये।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में डा0 एच0एस0 सिंघा, वरिष्ठ वैज्ञानिक, राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र हिसार एवं डा0 सुखदेब नन्दी वरिष्ठ वैज्ञानिक, आई0वी0आर0आई0, बरेली द्वारा प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में ब्रूक्स इण्डिया के प्रतिनिधि द्वारा भी प्रतिभाग किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डा0 अरविन्द कुमार सिंह, अपर निदेशक, गोधन विकास, पशुपालन विभाग द्वारा अश्व प्रजाति के पशुओं के संरक्षण एवं संवंर्धन राष्ट्रीय सहमति पर जोर देते हुए कहा कि सर्विलियेन्स के साथ-साथ इनके संरक्षण एवं संवंर्धन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। जिस पर उन्होंने डा0 एच0एस0 सिंघा, वरिष्ठ वैज्ञानिक, राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान हिसार से आग्रह से किया कि इस संबंध में सुसंगत प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया जाना चाहिए।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डा0 एस0के0 अग्रवाल, योजनाधिकारी ने प्रदेश में चलाए जा रहे सर्विलियेन्स कार्यक्रम पर विस्तृत चर्चा की एवं प्रदेश के नोडल अधिकारियों से अपेक्षा की कि भारत सरकार के गाईड लाईन के अनुसार ही सैम्पिलिंग एवं युथेनेशिया किया जाये।प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के समस्त जनपदों से नामित नोडल अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजन डा0 ए0के0 वर्मा, संयुक्त निदेशक, मुख्यालय द्वारा किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन डा0 एस0एम0 प्रसाद, उपनिदेशक, इपिडिमियोलाॅजी, पशुपालन विभाग, उ0प्र0 द्वारा किया गया।
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