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वन नेशन वन राशनकार्ड’ योजना के तहत उत्तर प्रदेश के कार्डधारक देश मे कही भी ले सकते है खाद्यान्न-रणवेन्द्र प्रताप सिंह खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री

वन नेशन वन राशनकार्ड’ योजना के तहत उत्तर प्रदेश के कार्डधारक देश मे कही भी ले सकते है खाद्यान्न-रणवेन्द्र प्रताप सिंह खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री

2021-02-11 21:16:14
वन नेशन वन राशनकार्ड’ योजना के तहत उत्तर प्रदेश के कार्डधारक देश मे कही भी ले सकते है खाद्यान्न-रणवेन्द्र प्रताप सिंह खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री

lucknow-खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री रणवेन्द्र प्रताप सिंह ‘धुन्नी सिंह‘ ने विभाग के चार साल का लेखा जोखा आज पेश किया। इस मौके पर उन्होने विभाग द्वारा किये जा रहे धान क्रय पर भी प्रकाश डालते हुये कहा कि पिछली सरकार से उनकी सरकार मे ज्यादा धान खरीद हुई है।
इस मौके पर उन्होने कहा कि नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र की समस्त उचित दर दुकानों में ई-पाॅस के माध्यम से लाभार्थियों को आधार प्रमाणीकरण और ओ0टी0पी0 प्रमाणीकरण द्वारा खाद्यान्न वितरण,बायोमेट्रिक आॅथेन्टिकेशन के माध्यम से ई-पाॅस मशीनों द्वारा कराये गये खाद्यान्न वितरण से माह दिसम्बर, 2020 तक रु0 2,738 करोड़ के खाद्यान्न सब्सिडी की बचत के साथ वन नेशन वन राशनकार्ड’ योजना के तहत उत्तर प्रदेश के कार्डधारक द्वारा अन्य राज्यों की किसी भी उचित दर दुकान से अपना खाद्यान्न प्राप्त किये जाने की व्यवस्था की गयी है।
खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री रणवेन्द्र प्रताप सिंह ‘धुन्नी सिंह‘ ने कोविड-19 महामारी के दौरान राशन कार्ड एवं खाद्यान्न से वंचित 12,15,367 पात्र लाभार्थियों के राशन कार्ड जारी कराये जाने की बात को बताते हुये कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 56.19 लाख मी0टन खाद्यान्न तथा 2,69,529 मी0टन चना का निःशुल्क वितरण कराया गया तथा आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत प्रवासी अवरूद्ध मजदूरों को अस्थायी राशन कार्ड संख्या जेनरेट करते हुये, 11888.657 मी0टन खाद्यान्न व 1060.497 मी0टन निःशुल्क चना का वितरण कराया गया
खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री रणवेन्द्र प्रताप सिंह ‘धुन्नी सिंह‘ ने खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में अब तक 1253353 किसानों से 64.75 लाख मी0टन की रिकार्ड धान खरीद की बात पत्रकारो को बतायी।
उन्होने कहा कि निर्धारित क्रय लक्ष्य 55.00 लाख मी0टन के सापेक्ष 117.73 प्रतिशत से अधिक खरीद और इसके सापेक्ष किसानों के खाते में 10858.92 करोड़ रूपये का पी0एफ0एम0एस0 पोर्टल के माध्यम से सीधे भुगतान किया गया। इसके साथ ही अन्य बिन्दुओ पर विभागिय मन्त्री ने प्रकाश डाला।
1- सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टमः-
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अन्तर्गत खाद्यान्न के उठानध्वितरण की व्यवस्था को पारदर्शी, सुदृढ़ एवं व्यवर्तनरहित बनाने के उद्देश्य से एन0आई0सी0, उ0प्र0 द्वारा विकसित कम्प्यूटरीकृत सप्लाई चेन मैनेजमेन्ट सिस्टम द्वारा खाद्यान्न के आवंटन, गोदामों से उठान एवं वितरण की आॅनलाइन फीडिंग कराकर माॅनीटरिंग की जाती है। इस सिस्टम में एण्ड-टू-एण्ड कम्प्यूटराइजेशन के अन्तर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में चयनित लाभार्थियों की संख्या के आधार पर प्रतिमाह मुख्यालय से आॅटोमेटिक खाद्यान्न का लाॅक होना, भारतीय खाद्य निगम डिपो से खाद्यान्न का उठान होने से लेकर उचित दर विक्रेता द्वारा लाभार्थियों को खाद्यान्न का वितरण करने तक समस्त प्रक्रिया आॅनलाइन होती है, जिसे पारदर्शिता के दृष्टिगत विभागीय पोर्टल ीजजचेरूध्ध्बिेण्नचण्हवअण्पद पर ‘त्वरित लिंक’ के अन्तर्गत ‘‘सप्लाई चेन सारांश’’ में पब्लिक डोमेन पर प्रदर्शित किया गया हैै। इस प्रकार प्रदेश में सप्लाई चेन मैनेजमेंट पूर्णतः क्रियाशील है।
2-प्रदेश के उचित दर दुकानों में ई-पाॅस मशीन की स्थापना एवं खाद्यान्न वितरणः-
ऽ प्रदेश के समस्त नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र की समस्त उचित दर दुकानों में ई-पाॅस के माध्यम से लाभार्थियों को आधार प्रमाणीकरण और ओ0टी0पी0 प्रमाणीकरण द्वारा खाद्यान्न वितरण कराया जा रहा है। समस्त ट्रान्जेक्शन आॅनलाइन सम्पादित होते हैं एवं सम्बन्धित रिपोर्ट रियल टाइम अद्यतन रहती है। इस तकनीक द्वारा मौके पर ही खाद्यान्न प्राप्त करते समय लाभार्थी की पहचान सुनिश्चित हो जाती है। इस प्रकार कोई अन्य व्यक्ति किसी राशन कार्ड के खाद्यान्न का आहरण कर दुरूपयोग नहीं कर सकता है। राशन प्राप्त करने के उपरान्त राशन लिये जाने का विवरण तत्काल ई-पाॅस के माध्यम से आॅनलाइन अपडेट हो जाता है और किसी भी व्यक्ति के द्वारा आॅनलाइन देखा जा सकता है। इस प्रक्रिया से वितरण प्रणाली पारदर्शी हो गयी है।
ऽ माह जुलाई, 2017 से प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में ई-पाॅस मशीन के माध्यम से खाद्यान्न का वितरण प्रारम्भ किया गया। तत्पश्चात माह दिसम्बर, 2018 से ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह प्रणाली लागू की गयी और माह अप्रैल, 2019 से सम्पूर्ण प्रदेश की समस्त उचित दर दुकानों मंे ई-पाॅस मशीनों से वितरण कार्यान्वित है।
ऽ गत माह जनवरी, 2021 में उचित दर दुकानों पर ई-पाॅस के माध्यम से कुल 3,32,96,973 ट्रान्जेक्शन किये गये जिसके अन्तर्गत आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से 3,29,43,098 ट्रान्जेक्शन किये गये जो कि 98.84 प्रतिशत है।
3- राशनकार्ड लाभार्थियों के डाटाबेस में आधार फीडिंग एवं वेलिडेशनध्सीडिंग की प्रगतिः-
ऽ दिनांक 07.02.2021 तक प्रदेश में प्रचलित राशनकार्डों की संख्या 3,58,16,499 है तथा उनसे सम्बद्ध यूनिटों की संख्या 14,68,66,050 है। दिनांक 07.02.2021 तक प्रदेश स्तर पर राशनकार्ड मुखिया के आधार फीडिंग की प्रगति 99.76 प्रतिशत है तथा परिवार के सभी सदस्यों के आधार फीडिंग की प्रगति 99.68 प्रतिशत है।
ऽ लाभार्थियों के राशनकार्ड डाटाबेस में उनके आधार फीडिंग के उपरान्त यू0आई0डी0ए0आई0 के माध्यम से आधार वेलिडेशनध्सीडिंग का कार्य पूर्ण किया जा रहा है। वर्तमान में मुखिया स्तर पर 97.64 प्रतिशत तथा समस्त सदस्य स्तर पर 98.55 प्रतिशत आधार वेलिडेशनध्सीडिंग का कार्य किया जा चुका है।
4- सब्सिडी बचत (तकनीकी अनुप्रयोगों से)ः-एफ0पी0एस0 आॅटोमेशन के अन्तर्गत बायोमेट्रिक आॅथेन्टिकेशन के माध्यम से ई-पाॅस मशीनों द्वारा कराये गये खाद्यान्न वितरण से माह दिसम्बर, 2020 तक रु0 2,738 करोड़ के खाद्यान्न सब्सिडी की बचत हुई है।
5- वन नेशन वन कार्ड योजनाः-
प्रदेश स्तर पर अन्तरजनपदीय राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी संचालित किये जाने के उपरान्त भारत सरकार की ‘वन नेशन वन राशनकार्ड’ योजना के अन्तर्गत प्रदेश में राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी की सुविधा माह मई, 2020 से लागू है, जिसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के कार्डधारक अन्य राज्यों की किसी भी उचित दर दुकान से अपना खाद्यान्न प्राप्त किया जा सकता है। माह मई, 2020 से जनवरी, 2021 तक अन्य राज्यों के 3,749 राशन कार्डधारकों द्वारा द्वारा उत्तर प्रदेश से तथा उत्तर प्रदेश के 7,431 कार्डधारकों द्वारा अन्य राज्यों से अपना खाद्यान्न प्राप्त किया गया है। इसी प्रकार माह मई 2020 से जनवरी, 2021 तक कुल 81,54,433 कार्डधारकों द्वारा जनपद के भीतर अन्य दुकानों से तथा 7,64,819 कार्डधारकों द्वारा एक जनपद से दूसरे जनपद में पोर्टेबिलिटी के माध्यम से खाद्यान्न प्राप्त किया गया। इस सुविधा से समाज के उन गरीब मजदूर वर्ग को लाभ होगा, जो आजीविका की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर चलायमान रहते हैं, साथ ही राशन कार्ड लाभार्थी और उचित दर विक्रेता के मध्य व्यक्तिगत असंतुष्टि की स्थिति में लाभार्थी द्वारा पोर्टेबिलिटी सुविधा से खाद्यान्न प्राप्त कर सकता है।
6- कोरोना महामारी के दौरान जारी राशन कार्ड की स्थिति व खाद्यान्न वितरणः-
कोविड-19 महामारी के दौरान राशन कार्ड एवं खाद्यान्न से वंचित पात्र लाभार्थियों को राशन कार्ड एवं खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने हेतु अभियान चलाकर राशन कार्ड एवं खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने हेतु अभियान चलाकर राशन कार्ड बनवाये गये हैं। प्रदेश में माह अप्रैल से जून 2020 तक कुल 12,15,367 पात्र लाभार्थियों के राशन कार्ड कोरोना अभियान के अन्तर्गत जारी कराये गये हैं।
एन0एफ0एस0ए0 के अन्तर्गत निःशुल्क खाद्यान्न वितरण- कोरोना अभियान के अन्तर्गत एन0एफ0एस0ए0 के नियमित खाद्यान्न के साथ-साथ भारत सरकार के निर्देशानुपालन में अपै्रल, मई व जून 2020, में 03 माह तक अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को प्रति माह 05 कि0ग्रा0 (03 कि0ग्रा0 गेहूं व 02 कि0ग्रा0 चावल) खाद्यान्न निःशुल्क वितरण कराया गया। इसके अन्तर्गत कुल 8,00,362 मी0टन खाद्यान्न निःशुल्क वितरण कराया गया है।
ऽ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत निःशुल्क खाद्यान्न वितरण- इस योजना के अन्तर्गत समस्त अन्त्योदय कार्डधारकोें, मनरेगा जाॅब कार्डधारकों, श्रम विभाग में पंजीकृत मजदूरों तथा नगर निकाय विभाग में पंजीकृत ऐसे दिहाड़ी मजदूर, जो पात्र गृहस्थी योजना के अन्तर्गत आच्छादित हैं, उन्हें प्रति यूनिट 05 किग्रा0 निःशुल्क खाद्यान्न व प्रति कार्ड 01 किग्रा0 निःशुल्क चना का वितरण माह अप्रैल, 2020 से नवम्बर, 2020 तक कराया गया है। उक्त अवधि में इस योजना के अन्तर्गत कुल 56.19 लाख मी0टन खाद्यान्न तथा 2,69,529 मी0टन चना का निःशुल्क वितरण कराया गया है।
ऽ आत्मनिर्भर भारत योजना के अन्तर्गत निःशुल्क खाद्यान्न वितरण-
इस योजना के अन्तर्गत प्रवासी अवरूद्ध मजदूरों को अस्थायी राशन कार्ड संख्या जेनरेट करते हुये, माह मई, 2020 से अगस्त, 2020 तक प्रति यूनिट 05 किग्रा0 की दर से 11888.657 मी0टन निःशुल्क खाद्यान्न व प्रति कार्ड 01 किग्रा0 की दर से 1060.497 मी0टन निःशुल्क चना का वितरण कराया गया है।
7-दिव्यांगजन को राशनकार्ड उपलब्ध कराया जाना-
दिव्यांगजन को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अन्तर्गत आच्छादित किये जाने हेतु समय-समय पर विशेष अभियान चलाया जाता है, जिसके अन्तर्गत 18,30,138 दिव्यांगजन को एन0एफ0एस0ए0 के अन्तर्गत आच्छादित किया गया है।
8-निःशक्तजनों को उनके घर पर राशन उपलब्ध कराने की पहलः-
जनपदों में प्रत्येक निःशक्तजन राशन कार्डधारक को चिन्हित कर उनके घर पर ही खाद्यान्न उपलब्ध कराये जाने की सुविधा विभाग द्वारा प्रदान की जा रही है। इस सुविधा से ऐसे बीमार, वृद्ध, असहाय, दिव्यांगजन आदि लाभार्थी, जो उचित दर दुकान तक पहुंच कर खाद्यान्न प्राप्त करने में अक्षम हैं, उन्हें घर बैठे उचित दर विक्रेता के माध्यम से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्तमान में इस सुविधा से 8,370 कार्डधारक लाभान्वित हो रहे हैं।
9-मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत गेहूँ खरीद-प्रदेश में रबी विपणन वर्ष 2017-18 के अन्तर्गत 40.00 लाख मी0टन क्रय लक्ष्य के सापेक्ष 36.99 लाख मी0टन गेहूँ की खरीद 800646 कृषकों से 5105 क्रय केन्द्रों के माध्यम से की गयी। क्रय लक्ष्य के सापेक्ष 92.48 प्रतिशत की खरीद की गयी। कुल खरीद 36.99 लाख मी0टन के सापेक्ष रू0 6011.15 करोड़ का भुगतान आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से सीधे कृषकों के खाते में किया गया। रबी विपणन वर्ष 2017-18 में गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य भारत सरकार द्वारा रू0 1625 प्रति कुं0 निर्धारित किया गया था।
रबी विपणन वर्ष 2018-19 के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू0 1735 प्रति कुं0 निर्धारित किया गया। मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत क्रय लक्ष्य 50.00 लाख मी0टन के सापेक्ष 52.92 लाख मी0टन गेहूँ 1127195 कृषकों से क्रय किया गया एवं इस हेतु आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से सीधे कृृषकों के खाते में रू0 9231.99 करोड़ का भुगतान किया गया। इस वर्ष क्रय लक्ष्य के सापेक्ष 105.84 प्रतिशत गेहूँ क्रय किया गया।
रबी विपणन वर्ष 2019-20 के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू0 1840 प्रति कुं0 निर्धारित किया गया। मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत क्रय लक्ष्य 55.00 लाख मी0टन के सापेक्ष 37.04 लाख मी0टन गेहूँ 753414 कृषकों से क्रय किया गया एवं इस हेतु आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से सीधे कृृषकों के खाते में रू0 6889.15 करोड़ का भुगतान किया गया। इस वर्ष क्रय लक्ष्य के सापेक्ष 67.35 प्रतिशत गेहूँ क्रय किया गया। वर्ष 2019-20 में गेहूँ का बाजार मूल्य, न्यूनतम समर्थन मूल्य के आस-पास होने के कारण राजकीय खरीद में कमी आयी, परन्तु कृषकों को उनकी उपज का उचित मूल्य खुले बाजार में भी मिल रहा था।
रबी विपणन वर्ष 2020-21 में भारत सरकार द्वारा गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू0 1925 प्रति कुं0 निर्धारित किया गया। गेहूँ क्रय सत्र की अवधि में कोविड-19 विषाणुजनित महामारी के अन्तर्गत देशव्यापी लाकडाउन से उपजी विषम परिस्थितियों के बाद भी खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ दिलाने हेतु प्रदेश में 5896 क्रय केन्द्र स्थापित कर 663810 कृषकों से निर्धारित क्रय लक्ष्य 55.00 लाख मी0टन के सापेक्ष 35.76 लाख मी0टन गेहूँ क्रय किया गया, जिसके सापेक्ष कृषकों के खाते में रू0 6885.16 करोड़ का पी0एफ0एम0एस0 पोर्टल के माध्यम से सीधे भुगतान किया गया। क्रय लक्ष्य के सापेक्ष 65.03 प्रतिशत गेहँक क्रय किया गया। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को गेहूँ क्रय में और सुविधा प्रदान करने के दृष्टिगत मोबाइल क्रय केन्द्र स्थापित किये जाने का निर्णय लिया गया। बाजार मूल्य समर्थन मूल्य के आसपास होने के कारण राजकीय खरीद में कमी आई परन्तु कृषकों को उनकी उपज का उचित मूल्य खुले बाजार में भी प्राप्त हुआ। व्यापक कृषक हित को ध्यान में रखकर गेहूँ क्रय की अवधि में आंशिक संशोधन करते हुए गेहूँ क्रय की अवधि को विस्तारित करते हुए दिनांक 30.06.2020 तक गेहूँ क्रय का कार्य किया गया। गतवर्षों की गेहूँ खरीद का विवरण निम्नवत् दृष्टव्य है रू-
वर्ष समर्थन मूल्य क्रय मात्रा लाभान्वित कृषक
वर्ष 2017-18 रू-1625 प्रति कुं0 36.99 लाख मीट्रिक टन 800646
वर्ष 2018-19 रू-1735 प्रति कुं0 52.92 लाख मीट्रिक टन 1127195
वर्ष 2019-20 रू-1840 प्रति कुं0 37.04 लाख मीट्रिक टन 753414
वर्ष 2020-21 रू-1925 प्रति कुं0 35.76 लाख मीट्रिक टन 663810
10- मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत धान खरीद -
वर्ष समर्थन मूल्य
(धान काॅमन) समर्थन मूल्य
(धान ग्रेड-ए) क्रय मात्रा लाभान्वित कृषक
वर्ष 2016-17 रू-1470 प्रति कुं0 रू-1510 प्रति कुं0 35.14 लाख मीट्रिक टन 4,35,320
वर्ष 2017-18 रू-1550 प्रति कुं0 रू-1590 प्रति कुं0 42.90 लाख मीट्रिक टन 4,92,038
वर्ष 2018-19 रू-1750 प्रति कुं0 रू-1770 प्रति कुं0 48.25 लाख मीट्रिक टन 6,84,013
वर्ष 2019-20 रू-1815 प्रति कुं0 रू-1835 प्रति कुं0 56.57 लाख मीट्रिक टन 7,06,549
वर्ष 2020-21 रू-1868 प्रति कुं0 रू-1888 प्रति कुं0 64.75 लाख मीट्रिक टन 1250354
(खरीद जारी आॅकड़ा
दिनांक 09.02.2021 तक)
उपरोक्त सारणी से स्पष्ट है कि गत 04 वर्षों में प्रदेश में धान खरीद में उत्तरोत्तर वृद्धि हुयी है। विभाग द्वारा खरीद प्रक्रिया में सुधार लाते हुये अधिकाधिक किसानों को उनके द्वारा बोये गये धान का उचित मूल्य दिलाया गया है, जो किसानों की आय बढ़ाने में सहायक हुआ है।
खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के अन्तर्गत धान क्रय-
खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में किसानों से धान क्रय हेतु क्रय लक्ष्य 55.00 लाख मी0टन निर्धारित किया गया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिनांक 01.10.2020 से 31.01.2020 तक तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश मंे दिनांक 15.10.2020 से 28.02.2021 तक धान क्रय की अवधि निर्धारित है। इस वर्ष भारत सरकार द्वारा धान कामन का समर्थन मूल्य रू0 1868 प्रति कुं0 एवं धान ग्रेड-ए का समर्थन मूल्य रू0 1888 प्रति कुं0 निर्धारित किया गया है। इस वर्ष 4453 स्थापित क्रय केन्द्रों के माध्यम से दिनांक 09.02.2021 तक कुल 1253353 किसानों से 64.75 लाख मी0टन की रिकार्ड धान खरीद (निर्धारित क्रय लक्ष्य 55.00 लाख मी0टन के सापेक्ष 117.73 प्रतिशत) की जा चुकी है, जिसके सापेक्ष किसानों के खाते में रू0 10858.92 करोड़ का पी0एफ0एम0एस0 पोर्टल के माध्यम से सीधे भुगतान किया जा चुका है। प्रदेश में दिनांक 28.02.2021 तक धान की खरीद होनी है।
यह भी अवगत कराना है कि खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत धान क्रय हेतु 50.00 लाख मी0टन क्रय लक्ष्य निर्धारित करते हुए 706549 कृषकों से 56.57 लाख मी0टन धान की खरीद की गयी, जो कि कार्यकारी लक्ष्य का
113.14 प्रतिशत है। क्रीत धान के सापेक्ष कृषकों को उनके खाते में पी0एफ0एम0एस0ध् आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से रू0 10274.25 करोड़ का भुगतान किया गया।
11-मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत मक्का खरीद-
कृषकों के हित में वर्ष 2018-19 से उ0प्र0 राज्य में मक्का की खरीद भी प्रारम्भ की गयी। वर्ष 2018-19 में मक्का का समर्थन मूल्य रू-1700 प्रति कुं0 था तथा प्रदेश में 5116.5 मी0टन मक्का क्रय किया गया। वर्ष 2019-20 में मक्का का समर्थन मूल्य रू-1760 प्रति कुं0 था, जिसके सापेक्ष 25.3 मी0टन मक्का क्रय हुआ। उक्त दोनो वर्षों में मक्का का बाजार मूल्य समर्थन मूल्य से अधिक रहा, विशेष रूप से वर्ष 2019-20 में मक्के का बाजार मूल्य समर्थन मूल्य से लगभग रू-100 प्रति कुं0 अधिक होने के कारण राजकीय खरीद में कमी आयी, परन्तु कृषकांे को उनकी उपज का उचित मूल्य खुले बाजार में भी प्राप्त हुआ।
वर्ष 2020-21 में प्रदेश के 23 जनपदों (हापुड़, बुलन्दशहर, बदायूं, हरदोई, उन्नाव, मैनपुरी, फिरोजाबाद, अलीगढ़, एटा, कासगंज, कानपुर नगर, कानपुर देहात, फर्रूखाबाद, इटावा, कन्नौज, गोण्डा, बहराइच, श्रावस्ती, बलिया, जौनपुर, ललितपुर, देवरिया एवं सोनभद्र) में दिनांक 17.10.2020 से दिनांक 15.01.2021 तक मक्का खरीद की गयी। इस वर्ष भारत सरकार द्वारा मक्का का समर्थन मूल्य रू-1850 प्रति कुं0 निर्धारित किया गया। प्रदेश में मक्का खरीद हेतु निर्धारित क्रय लक्ष्य 01 लाख मी0टन के सापेक्ष दिनांक 15.01.2021 (क्रय सत्र की समाप्ति तक) तक 24859 किसानों से 1.06 लाख मी0टन मक्का का क्रय किया गया है एवं जिसके सापेक्ष आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से रू0 196.86 करोड़ का भुगतान सीधे कृषकों के खाते में किया जा चुका है। विगत वर्षों की मक्का खरीद का विवरण निम्नवत् दृष्टव्य हैरू-
वर्ष समर्थन मूल्य
क्रय मात्रा लाभान्वित कृषक
वर्ष 2018-19 रू-1700 प्रति कुं0 5116.5 मीट्रिक टन 1339
वर्ष 2019-20 रू-1760 प्रति कुं0 25.3 मीट्रिक टन 8
वर्ष 2020-21 रू-1850 प्रति कुं0 106412.68 मीट्रिक टन 24859
12- फोर्टीफाइड राइस के वितरण के सम्बन्ध में-
जनवितरण प्रणाली के माध्यम से खाद्यान्न प्राप्त करने वाले लाभार्थियों के पोषण स्तर को समृद्ध करने हेतु पाइलेट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के जनपद चन्दौली में फोर्टीफाइड राइस वितरण की योजना का शुभारम्भ मुख्यमंत्री द्वारा दिनांक 09.01.2021 को किया जा चुका है तथा 160 उचित दर विक्रेताओं को फोर्टीफाइड राइस उपलब्ध कराते हुए वितरण कराया गया है।
13- विगत 04 वर्षों में कृषकों के हित में संचालित क्रय योजनाओं की प्रक्रिया में सरलीकरण एवं सुधार-
ऽ खाद्य तथा रसद विभाग द्वारा कृषक बन्धुओं के खाद्यान्न को सरलतम ढंग से खरीदने हेतु एन0आई0सी0 के माध्यम से ई-उपार्जन पोर्टल का निर्माण कराया गया।
ऽ इस पोर्टल पर कृषक बन्धु स्वयं अपने खाद्यान्न की बिक्री करने हेतु पंजीकरण करने की सुविधा दी गयी, ताकि बिचैलिये सक्रिय न होने पाये। उक्त पंजीकरण में खतौनी के आधार पर तथा मोबाइल नम्बर व यथा सम्भव आधार कार्ड के आधार पर पंजीकरण किये जाने की व्यवस्था की गयी। वर्तमान में पारदर्शिता की दृष्टि से किसान के मोबाइल नम्बर पर ओ0टी0पी0 आधारित पंजीकरण की व्यवस्था लागू है।
ऽ ई-उपार्जन पोर्टल को राजस्व विभाग के भू-राजस्व पोर्टल से लिंक कराया गया है ताकि खतौनी के खाता संख्या, खाता धारक, पंजीकृत किसान एवं भूमि के रकबे व उपज का आॅनलाइन सत्यापन किया जा सके।
ऽ सीमान्त एवं लघु कृषक बन्धुओं को अपना खाद्यान्न विक्रय करने में कठिनाई न हो, इस हेतु 100 कुं0 तक खाद्यान्न की खरीद को राजस्व विभाग के सत्यापन से मुक्त रखा गया।
ऽ 100 कुं0 से अधिक बिक्री करने वाले किसानों के राजस्व विभाग के माध्यम से सत्यापन की व्यवस्था की गयी।
ऽ लघु एवं सीमान्त कृषकों को अपना खाद्यान्न विक्रय करने हेतु सप्ताह में 02 दिन आरक्षित रखे गये।
ऽ महिला कृषकों को यदि वह अपना खाद्यान्न स्वयं बेचने क्रय केन्द्रांे पर आती हैं तो उनका खाद्यान्न प्राथमिकता के आधार पर खरीदने की व्यवस्था दी गयी।
ऽ धान खरीद सत्र 2019-20 से पी0एफ0एम0एस0 पोर्टल के माध्यम से किसानों के खातों में सीधे भुगतान की व्यवस्था प्रारम्भ की गयी।
ऽ प्रदेश सरकार द्वारा ऐसे कृषक बन्धुओं का भी ध्यान रखा गया है, जो बटाईदारी व कान्ट्रैक्ट फार्मिंग के आधार पर खेती करते हैं, उन्हें वर्ष 2019-20 से राजकीय क्रय केन्द्रों पर अपना उत्पाद बेचने की सुविधा प्रदान की गयी है।
ऽ केन्द्रों के निरीक्षण का एक सुव्यवस्थित तंत्र स्थापित किया गया है, जिसमें क्रय केन्द्र पर लेखपाल, राजस्वकर्मी एवं नोडल अधिकारी की तैनाती की जाती है। इसके अतिरिक्त विभिन्न विभाग के अधिकारियों व प्रशासन द्वारा भी नियमित निरीक्षण किये जाते हैं।
ऽ क्रय केन्द्र पर अनिवार्य रूप से बैनर लगाया जाता है, जिसमें धान, गेहूँ एवं मक्का क्रय से सम्बन्धित विशिष्ट जानकारियां अंकित रहती हैं तथा क्रय से सम्बन्धित अधिकारियों के मोबाइल नम्बर भी अंकित रहते हैं, जिनके माध्यम से किसान अपनी समस्या का त्वरित समाधान करा सकते हैं।
ऽ खाद्य तथा रसद विभाग की वेबसाइट पर धान खरीद 2020-21 का जनपदवार, केन्द्रवार खरीद सारांश उपलब्ध है, जो किसी भी व्यक्ति द्वारा देखा जा सकता है।
ऽ रबी विपणन वर्ष 2020-21 में गेहॅॅू क्रय सत्र के अन्तर्गत एवं खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान क्रय सत्र के अन्तर्गत वास्तविक किसानों से ही खरीद सुनिश्चित करने हेतु किसानों के मोबाइल नम्बर पर आधारित ओ0टी0पी0 व्यवस्था के माध्यम से किसानों के पंजीकरण की व्यवस्था की गयी है।
ऽ खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में ई-उपार्जन के अन्तर्गत आॅनलाइन माॅड्यूल के माध्यम से धान क्रयध्धान प्रेषणध्सी0एम0आर0 प्रेषणध्सी0एम0आर0 प्राप्ति तथा भारतीय खाद्य निगम में बिलिंग इत्यादि की सम्पूर्ण प्रक्रिया आॅनलाइन कर दी गयी है, जिससे क्रय प्रक्रिया तथा भारतीय खाद्य निगम से भुगतान प्राप्त करने में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
ऽ खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के अन्तर्गत रिमोट सेन्सिंग एप्लिकेशन्स सेन्टर उत्तर प्रदेश के माध्यम से प्रत्येक धान क्रय केन्द्र, राइस मिल तथा भारतीय खाद्य निगम डिपो की जियो टैगिंग करायी गयी, जिससे पर्यवेक्षकीय अधिकारियों को क्रय केन्द्र, राइस मिल एवं भारतीय खाद्य निगम डिपो की स्पष्ट लोकेशन प्राप्त हो सके।
उपरोक्त सरलीकरण एवं सुधारों से खरीद योजनाओं की गुणवत्ता एवं परिमाण दोनो में वृद्धि हुयी है तथा गत योजना के अनुभव के आधार पर आगामी खरीद योजनाओं की प्रक्रिया में नये सुधार किये जा रहे हैं, जिसका लाभ किसान भाईयों को मिल रहा है।
14- खाद्य एवं रसद विभाग, उत्तर प्रदेश को एक्सीलेन्स इन डिजिटल गवर्नेन्स का एवार्ड-
ऽ भारत सरकार के राष्ट्रीय डिजिटल इण्डिया पुरस्कार-स्टेट श्रेणी में उत्तर प्रदेश राज्य के खाद्य एवं रसद विभाग को महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द द्वारा श्री रविशंकर प्रसाद, माननीय मंत्री सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार की उपस्थिति में विज्ञान भवन, नई दिल्ली में दिनांक 30.12.2020 को आयोजित समारोह में रजत पुरस्कार प्रदान किया गया।
ऽ इस श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर 402 प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं। खाद्य एवं रसद विभाग, उत्तर प्रदेश को यह पुरस्कार ई-उपार्जन के अन्तर्गत खाद्यान्न की भारतीय खाद्य निगम से आॅनलाइन बिलिंग सिस्टम विकसित करने, डिजिटल राशनकार्ड धारकों को आधार बेस्ड ई-पाॅस मशीन के माध्यम से आॅनलाइन खाद्यान्न वितरण, खाद्यान्न परिवहन की जी0पी0एस0 आधारित माॅनीटरिंग एवं गेहूँ एवं धान की खरीद में पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से भुगतान किये जाने इत्यादि आॅनलाइनध्डिजिटल प्रक्रियाओं के लिए दिया गया।
15- विगत 05 वर्षों (2012-13 से 2016-17 तक) तथा वर्तमान सरकार के 04 वर्षों के कार्यकाल में (2017-18 से 2020-21 तक) धान खरीद में तुलनात्मक वृद्धि-
ऽ विगत 05 वर्षों में 2012-13 से 2016-17 तक कुल 123.61 लाख मी0टन धान की खरीद की गयी तथा रू-17190.85 करोड़ का भुगतान कर कुल 1487519 किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ प्रदान किया गया। जबकि विगत 04 वर्षों में वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक कुल 212.64 लाख मी0टन धान की खरीद की गयी तथा रू-36297.17 करोड़ का भुगतान कर 3140065 किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ प्रदान किया गया। इस प्रकार 04 वर्षों में ही पिछले कार्यकाल के सापेक्ष 89.03 लाख मी0टन अधिक धान की खरीद की गयी है तथा रू-19106.32 करोड़ का अधिक भुगतान किया गया है तथा 1652546 अधिक किसानों को लाभान्वित किया गया।
16- विगत 05 वर्षों (2012-13 से 2016-17 तक) तथा वर्तमान सरकार के 04 वर्षों के कार्यकाल में (2017-18 से 2020-21 तक) गेहूँ खरीद में तुलनात्मक वृद्धि-
ऽ विगत 05 वर्षों में (2012-13 से 2016-17) कुल 94.38 लाख मी0टन गेहूँ की खरीद की गयी तथा रू-12808.67 करोड़ का भुगतान कर कुल 1902098 किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ प्रदान किया गया। जबकि वर्तमान सरकार के 04 वर्षों के कार्यकाल में (2017-18 से 2020-21) तक कुल 162.71 लाख मी0टन गेहूँ की खरीद की गयी तथा रू-29017.45 करोड़ का भुगतान कर 3345065 किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ प्रदान किया गया। इस प्रकार 04 वर्षों में ही पिछले कार्यकाल के सापेक्ष 68.33 लाख मी0टन अधिक गेहूँ की खरीद की गयी है तथा रू-16208.78 करोड़ का अधिक भुगतान करते हुये 1442967 अधिक किसानों को लाभान्वित किया गया।
17- आगामी रबी विपणन वर्ष 2021-22 के अन्तर्गत गेहूँ क्रय-
आगामी रबी विपणन वर्ष 2021-22 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत राजकीय गेहूँ क्रय केन्द्रों पर किसानों से दिनांक 01.04.2021 से गेहूँ क्रय किया जाना प्रस्तावित है। रबी विपणन वर्ष 2021-22 में गेहूँ क्रय हेतु समस्त व्यवस्थाएं समयबद्ध रूप से सुनिश्चित करने हेतु समय सारिणी निर्गत की जा चुकी है। वर्तमान खरीफ विपणन सत्र 2020-21 की भांति आगामी रबी विपणन वर्ष 2021-22 में भी गेहूँ क्रय केन्द्रों एवं भारतीय खाद्य निगम के डिपो की जियो टैगिंग करायी जायेगी। रबी विपणन वर्ष 2021-22 हेतु भारत सरकार द्वारा गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू0 1975 प्रति कुं0 निर्धारित किया गया है। गेहूँ खरीद में और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इस वर्ष ईपाॅप (इलेक्ट्रानिक प्वाॅइंट आफ परचेज) मशीन के माध्यम से क्रय केन्द्रों पर किसानों से गेहूँ क्रय किया जाना प्रस्तावित है।


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