लखनऊ-पेट्रोल एवं डीजल सहित रसोई गैस के दामों में भारी वृद्धि के विरोध में आज लखनऊ महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री मुकेश सिंह चौहान के नेतृत्व में डाइमंड डेरी, उदयगंज से जिलाधिकारी कार्यालय तक पैदल मार्च कर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। जिसमें कांग्रेसजनों द्वारा विरोध मार्च में गैस सिलेंडर लेकर डाइमंड डेरी, उदयगंज से जुलूस की शक्ल में निकलते ही उदयगंज चौराहे पर भारी पुलिस बल द्वारा बैरीकेडिंग लगाकर जबर्दस्ती रोका गया जिसमें कांग्रेसजनों और पुलिसकर्मियों के बीच तीखी झड़प एवं धक्का-मुक्की भी हुई। इसके बाद सैंकड़ों की संख्या में कांग्रेसजन वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गये और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे।
महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान ने कहा कि चुनाव के दौरान केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों द्वारा आम जनता को कोरोना काल के समय आर्थिक संसाधनों और रोजगार में भारी गिरावट के बाद भी पेट्रोल और गैस के दामों में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है। आज भी केंद्र सरकार ने गैस के दामों में 25 रुपये की भारी वृद्धि करके आम जनता की कमर तोड दी है। उन्होंने कहा कि खोखले नारे और वादे पर सत्ता में आते ही भाजपा ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट के बावजूद व कोरोना महामारी से आर्थिक संकट से जूझ रही जनता पर पेट्रोल और डीजल पर स्वतंत्रता के बाद सबसे अधिक टैक्स लगाकर भाजपा सरकार ने आम जनता की कमर तोड़ने का काम किया है। जिस तरह भाजपा सरकार जनविरोधी निर्णय ले रही है उससे यह साबित हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी का जन कल्याण से कोई सरोकार नहीं रह गया है। ऐसी सरकार को एक क्षण भी सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
श्री चौहान ने कहा कि देश में मोदी सरकार के आने से पहले 2014 में कंाग्रेस के समय जब अन्तराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल के दाम 106 डालर प्रति बैरल था तब देश में पेट्रोल के दाम 71 रूपये थे आज जब कि अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम 65 डालर प्रति बैरल हैं तो भारत में तेल के दाम 100 रूपये पार कर गये हैं। आज गैस के दाम 794 रूपये के स्तर को छू गये हैं जब कि कंाग्रेस के समय देश में एल.पी.जी. का मूल्य मई, 2014 में 414 रूपये था। उन्होनंे मोदी सरकार से मांग की है कि पेट्रोल-डीजल और एल.पी.जी. के दामों को 2014 के स्तर पर लाया जाये और गैस पर सब्सीडी बहाल की जाये।
श्री चौहान ने यह भी कहा कि आज मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण 100 दिनों से किसान आन्दोलनरत हैं। उन्होंने मांग की कि मोदी सरकार तीनों काले कृषि कानूनों को भी वापस करे।
आज के विरोध प्रदर्शन में प्रमुख रूप से पूर्व विधायक श्यामकिशोर शुक्ल, अमरनाथ अग्रवाल, वीरेन्द्र मदान, बृजेश सिंह, सम्पूर्णानन्द मिश्रा,संजय शर्मा, इरशाद अली, कैन्ट विधान सभा के प्रभारी सहित सैंकड़ों की संख्या में कांग्रेसजन शामिल रहे।
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