तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने अपने सहयोगियों- गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के दो प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच शांति स्थापित करने की कोशिशों के तहत पार्टी के लिए दार्जिलिंग की तीन विधानसभा सीटों को छोड़ दिया, लेकिन फिर भी कोई हल नहीं निकल सका। बिमल गुरुंग और बिनॉय तमांग के नेतृत्व वाले जीजेएम गुट टीएमसी के सहयोगी हैं, लेकिन दोनों गुटों ने कहा है कि वे एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, चाहे इससे बीजेपी के साथ त्रिकोणीय मुकाबला ही क्यों न हो।
बीजेपी गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ रिवॉल्यूशनरी मार्क्सिस्ट्स के साथ गठबंधन में पहाड़ी क्षेत्र की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है, जो की जीजेएम की तुलना में छोटे दल हैं। गुरुंग और तमांग की योजना दार्जिलिंग, कुर्सियांग और कलिम्पोंग विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारने की है, जो ममता बनर्जी ने शुक्रवार दोपहर 291 टीएमसी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करते हुए जीजेएम के लिए छोड़ दिए हैं। गुरुंग गुट के महासचिव रोशन गिरी ने कहा कि हम तीनों सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे। तमांग समूह के साथ सहमति का कोई सवाल ही नहीं है। गुरुंग गुट के नेताओं ने पहले दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जिलों की बाकी 14 सीटों पर टीएमसी का समर्थन करने का वादा किया था।
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