पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव इस बार काफी दिलचस्प होने वाला है। ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी के बीच नंदीग्राम की लड़ाई के बाद एक और सीट ऐसा है, जहां के महासंग्राम पर सबकी निगाहें हैं। पश्चिम मिदनापुर जिले में आने वाली डेबरा विधानसभा सीट की लड़ाई भी इस बार नंदीग्राम के महासंग्राम से कम नहीं है, क्योंकि यहां पर दो पूर्व आईपीएस अधिकारी एक-दूसरे के सामने सियासी दमखम दिखाने वाले हैं। टीएमसी ने जहां पूर्व आईपीएस अधिकारी हुमायूं कबीर को तो भाजपा ने भारती घोष को डेबरा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। डेबरा सीट पर इन दोनों पूर्व आईपीएस अधिकारियों के बीच सीधी टक्कर बताई जा रही है। एक ओर जहां टीएमसी की ओर से हुमायू कबीर पहली बार अपनी किस्तम आजमा रहे हैं, वहीं भारती घोष घटल से लोकसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं। अब सबकी नजरें डेबरा सीट पर ही है, क्योंकि यहां मुकाबला दो पूर्व आईपीएस अधिकारियों के बीच में है।
राजनीति में आने से पहले हुमायूं कबीर चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट के कमिश्नर थे। उन्होंने हाल ही में अपनी सेवा छोड़ दी और अपनी रिटायरमेंट से पहले ही TMC में शामिल हो गए। वह अप्रैल में रिटायर होने वाले थे।
वहीं दूसरी ओर पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष ने 2017 ने एक कम अहमियत वाले पद पर ट्रांसफर किए जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था और उऩ्हें जबरन वसूली के आरोप में सीआईडी जांच का सामना करना पड़ा था। घोष ने एक वक्त ममता बनर्जी को बंगाल में माओवादी बहुल इलाकों की जननी भी कहा था। उन्होंने एक पदक और एक प्रमाण पत्र भी लौटा दिया था, जो उन्हें 15 अगस्त 2014 को राज्य सरकार से सराहनीय सेवाओं के लिए मिला था।
भाजपा की भारती घोष का कहना है कि वह पश्चिमी मिदनापुर में अपनी सेवा दे चुकी हैं। पश्चिमी मिदनापुर और झारग्राम की वह पुलिस चीफ रह चुकी हैं और डेबरा पश्चिमी मिदनापुर में ही पड़ता है।
वहीं दूसरी ओर डेबरा हुमायूं कबीर का होम टाउन है। उनके माता पिता अब भी इसी विधानसभा क्षेत्र में रहते हैं।
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