देश को द्रौपदी मुर्मू के रूप में पहली आदिवासी राष्ट्रपति मिली है, तो राजस्थान बीजेपी भी इस मौके पर विशेष आयोजन कर रही है. बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष रविवार को ''वागड़ जनजाति गौरव पदयात्रा'' निकाल रहे हैं. इस यात्रा को वागड़ के आदिवासी अंचल में बीजेपी को मजबूत करने की कवायद के रूप में भी देखा जा रहा है.
लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों और पार्टी के नेताओं की नज़र इस बात पर भी रहेगी कि बीजेपी इस यात्रा से कितनी मजबूती का संदेश दे पाएगी और आदिवासियों को कितना जोड़ पाएगी? राजनीति में यात्राओं की अहमियत को समझते हुए. इस फील्ड में काम करने वाले लोग किसी बड़े वर्ग से जुड़ाव के लिए यात्रा का कोई मौका नहीं छोड़ते. बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया भी इससे अछूते नहीं हैं.
यही कारण है कि राष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए की प्रत्याशी के जीत के बाद राजस्थान में पार्टी के मुखिया भी एक यात्रा में जुड़ रहे हैं. इस बार यात्रा है वागड़ में और यात्रा को नाम दिया गया है ''वागड़ जनजाति गौरव पदयात्रा'' वागड़ अंचल के आदिवासियों के साथ होने वाली दो दिन की यह यात्रा रविवार 24 जुलाई यानि की कल से शुरू होगी.
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